Chandil (Dilip Kumar) : घर-घर नल योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी योजना में से एक है. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के हर घर तक नल के माध्यम से पीने के लिए स्वच्छ पानी पहुंचाना है. सरकार ने 2024 तक इस योजना के माध्यम से प्रत्येक घर तक पीने के पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में भी इस योजना के तहत काम किया जा रहा है. अनुमंडल के चारों प्रखंड क्षेत्र में इस योजना के तहत निविदा निकालकर घर घर नल से जल पहुंचाने की कबायद शुरू की जा चुकी है. इस योजना के बन जाने से लोगों को पेयजल के लिए मेहनत – मशक्कत नहीं करना पड़ेगा. मगर योजना के निर्माण में धीमी रफ्तार के कारण प्रधानमंत्री द्वारा तय तिथि तक लोगों को इस योजना का लाभ मिलने पर संशय बना हुआ है.
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रोयाडीह व पहाड़धार में बनाए गए टंकी से होगा जलापूर्ति
चांडिल प्रखंड के चौका, खूंटी और घोड़ानेगी पंचायत में घर घर नल योजना के तहत पाइपलाइन जलापूर्ति किया जाना है. इसके लिए चांडिल डैम के नीचे सुवर्णरेखा नदी पर इंटेक वेल बनाया गया है. वहीं चांडिल डैम कालोनी में 2.6 एमएलडी का फिल्टर प्लांट का निर्माण कराया गया है. इसकी जानकारी देते हुए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग चांडिल के कनीय अभियंता ने बताया कि घर घर नल से जल पहुंचाने के लिए खूंटी पंचायत के पहाड़धार में पांच लाख 75 हजार और चौका पंचायत के रोयाडीह में एक लाख 25 हजार लीटर क्षमता वाला पानी टंकी का निर्माण कराया गया है. रोयाडीह स्थित पानी टंकी से चौका पंचायत के चौका और दुबराजपुर गांव को छोड़ कर शेष गांवों में जलापूर्ति किया जाना है. वहीं पहाड़धार स्थित पानी टंकी से घोड़ानेगी व खूंटी पंचायत के सभी गांवों के अलावा चौका और दुबराजपुर गांव में जलापूर्ति किया जाना है.
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पाइपलाइन पेयजलापूर्ति में एनओसी बना बाधक
घर घर नल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने का काम जारी है. करीब 17 करोड़ के इस योजना में मुखिया होटल से चौका तक टाटा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग 33 के किनारे और सड़क के दोनों छोर के बीच पाइप लाइन बिछाने का काम नहीं हो सका है. इसका मुख्य कारण एनएचएआइ का एनओसी नहीं मिलना बताया जा रहा है. विभाग और ठेकेदार की ओर से एनओसी के लिए दिए गए आवेदन पर एनएचएआइ से कई आपत्तियों के साथ इसमें सुधार करते हुए फिर से आवेदन भेजने के लिए कहा गया था. अब एनओसी मिलने के बाद पाइन बिछाने का काम होगा. इसके बाद इसे टेस्ट किया जाएगा. कई स्थानों में लीकेज के अलावा अन्य समस्याएं हो सकती है. उसे दुरूस्त करने के बाद ही लोगों को नल से जल मिलने लगेगा.
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