Giridih : बनारस घराने के मशहूर बांसुरी वादक पंडित अजय प्रसन्ना के अपने मुरली के तान से रविवार 2 अप्रैल की शाम गिरिडीह के हर आमो-ख़ास को अपना दीवाना बना दिया. झंडा मैदान के सामने स्थित विवाह भवन में रविवार शाम गिरिडीह की संगीत केंद्र संस्था ने संगीतमय बैठक व प्रस्तुति कार्यक्रम का आयोजन किया था. जहां बांसुरी वादक पंडित अजय प्रसन्ना के साथ गिरिडीह के प्रसिद्ध तबला वादक रविशंकर सिंह जुगलबंदी कर रहे थे. गिरिडीह के उभरते बांसुरी वादक राग यमन भी पंडित अजय प्रसन्ना साथ दे रहे थे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पंडित अजय प्रसन्ना, पंडित शंभू दयाल केडिया, सितारवादक मौर मुकुट केडिया, प्रभा रघुनंदन सहित अन्य कलाकार शरीक हुए.
इससे पहले अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरुआत गिरिडीह के दिवंगत संगीत गुरु वीरेंद्र नारायण सिंह और पंडित अजय प्रसन्ना के पिता विख्यात बांसुरी वादक पंडित भोलानाथ प्रसन्ना के चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि देकर और दीप प्रज्ज्वलित कर किया. मौके पर संगीत केंद्र के संचालक रामकुमार सिन्हा भी उपस्थित थे. तबलावादक शंभू दयाल केडिया ने पंडित अजय प्रसन्ना और तबला वादक रविशंकर सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. प्रकृति, सुगंधा रंजन, राग यमन और टॉम राघवन ने अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया.
गिरिडीह के उभरते हुए बांसुरी वादक हैं राग यमन
बता दें कि उभरते हुए बांसुरी वादक राग यमन आयोजक रामकुमार सिन्हा के पुत्र हैं. राग यमन पंडित अजय प्रसन्ना से ही संगीत की तालीम ले रहे हैं. उन्हीं के अनुरोध पर पंडित प्रसन्ना ने गिरिडीह पधार कर अपनी प्रस्तुति दी. इस अवसर पर पंडित अजय प्रसन्ना ने कहा कि गिरिडीह की धरती पर आना अपने परिवार के सदस्यों के बीच आने जैसा है. कार्यक्रम का संचालन आलोक रंजन ने किया. इस मौके पर कई संगीत प्रेमी मौजूद थे.
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