Jamshedpur (Anand Mishra) : नेताजी सुभाष विश्विद्यालय में स्टार्टअप एंड एंटरप्रेन्योरशिप सेल स्टार्टअप स्क्वाड का उद्घाटन किया गया. इस अवसर पर अमरनाथ सिंह (फाउंडर वैभव कारफ्ट्स एन्ड क्रिएशन), सौरभ कुमार (फाउंडर टोवासो), अंकित प्रताप सिंह (फाउंडर हेरबिनो) मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे. सर्वप्रथम इस कार्यक्रम की शुरुआत आमंत्रित वक्ताओं एवं विश्विद्यालय के प्रोफ़ेसरों के द्वारा दीप प्रजवल्लित कर के किया गया. इसके बाद आमंत्रित वक्ताओं को विश्विद्यालय के विद्यार्थियों ने पुष्पगुच्छ दे कर उनका आधिकारिक रुप से स्वागत किया. तत्पश्चात विश्विद्यालय के डीन एकेडेमिक्स डी शोम ने इस कार्यक्रम को सम्बोधित किया एवं कहा कि आज कल के विद्यार्थियों को नौकरी लेने के बजाए देने के योग्य होना होगा. कोशिश में समय लगता है पर सफलता ज़रूर मिलती है. प्रोफेसर शोम ने इस कार्यक्रम में आने वाले तीनो वक्ताओं के प्रति आभार जताया.
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इसके बाद इस कार्यक्रम को विश्विद्यालय के कुलपति डॉ डीके मोहपात्रा ने सम्बोधित किया. उन्होंने अपने सम्बोधन में तीनों ही वक्ताओं को विश्विद्यालय के प्रांगण में पधारने एवं विद्यार्थियों के मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद दिया. इसके बाद इस कार्यक्रम को विश्विद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो डॉ आचर्य ऋषि रंजन ने अपने एंटरप्रेन्योरशिप को परिभाषित किया एवं नए एंटरप्रेन्योर को नियम और कानून के बारे में उचित जानकारी रखने को कहा. डीन मैनेजमेंट प्रोफेसर डॉ सुभेन्दु मुखर्जी ने सभी वक्ताओं को अपना कीमती समय में यहाँ उपस्थिति दर्ज कराने के लिए धन्यवाद दिया.
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इसके बाद अमर नाथ सिंह (को-ऑर्गनाइज़र टेडक्स बिस्टुपुर) ने अपनी बातों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से विद्यार्थियों के सामने रखा. उन्होंने ने कहा कि मोटिवेशन कहीं से भी मिल सकता है. एक एंटरप्रेन्योर में समस्या का समाधान करने की छमता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत में लोग अक्सर स्टार्टअप के बारे गलत धारणा बना लेते है. 100 वर्षो में जमशेदपुर के पास स्टार्टअप में कुछ नही है, क्योंकि यहां की कम्पनियों को मज़दूर की ज़रूरत थी और उन्होंने लोगो की सोच को भी मजदूर बना दिया है. उन्होंने कहा कि इज़राइल एक सबसे छोटे देशों में आता हैं पर उनका इको-सिस्टम स्टार्टअप के लिए सबसे बेहतर है. लोग भारत को एक बड़े बाज़ार के रूप में देखते है और सिर्फ़ लाभ कमाने के लिए भारत में अपने उत्पाद बेचते है. उन्होंने बताया कि उनकी कम्पनी जलकुंभी से कई तरफ़ की प्रोडक्ट का निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत में बने हथियारों की यूरोपीय देशों में भारी मांग है। उन्होंने कहा कि आज लँगोट की जगह डाइपर ने ले ली है. आपके आसपास ही बहुत समस्या हैं जिसका आप समाधान निकालकर एक बेहतर स्टार्टअप की शरुआत कर सकते है. उन्होंने कहा कि अब बड़े शहरों में जाने की ज़रूरत नहीं हैं अब इको-सिस्टम टियर 2 और टियर 3 शहरों लिए तैयार है और अब इनमें बहुत अवसर है.
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इसके बाद सौरभ कुमार ने अपने सम्बोधन की शुरुआत जब जागो तभी सवेरा पंक्ति से की. उन्होंने कहा कि ऐकडेमिक के साथ-साथ आपका यह क्लब आपके लिए नए द्वार खोलेगा. यहां की मिट्टी में बहुत शक्ति हैं. यहां लोग अपनी शुरुआत ऑटो ड्राइवर के रूप में करते और बाद में ओला जैसी बड़ी कम्पनी खड़ी कर देते हैं. कस्टमर सेटिस्फेक्शन बहुत ज़रूरी होता है किसी भी बिज़नस के लिए. अंकित प्रताप सिंह जी ने कहा कि सभी एंटरप्रेन्योर को बलिदान देना पड़ता है। चेलेंज हर जगज हैं पर आपका माइंड सेट पोसिटिव होना ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि आपका नेटवर्थ ही आपकी नेटवर्क है. उन्होंने बताया कि कैसे उनकी कम्पनी ने भांग से कई तरह के प्रोडक्ट्स का निर्माण किया, जिनमें कपड़े, नूट्रिशनिस्न एवं भांग के द्वारा हेम्प बायो डीज़ल का भी सफलतापूर्वक निर्माण किया. उन्होंने बताया कि पहली हेम्प कम्पनी में निवेश सर रतन टाटा ने किया.
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अंत में सभी वक्ताओं ने विद्यार्थियों के सवालों का जवाब भी दिया, जिनमें उन्होंने टीम बिल्डिंग,रेवेन्यू मॉडल और विद्यार्थियों के कई स्टार्टअप्स के आईडिया को डिस्कस भी किया और विद्यार्थियों को स्टार्टअप्स में आने वाली हर समस्या के लिए कहा कि हम आपके साथ है आप सब हमारे सम्पर्क में रहें. इस कार्यक्रम का संचालन कीर्ति साई ने किया और अंत में तीनों ही अतिथियों को डीन मैनेजमेंट डॉ. सुभेन्दु मुखर्जी ने शॉल ओढ़ाकर और विश्वविद्यालय का मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया. कार्यक्रम में कुलपति डॉ डीके मोहपात्रा, प्रतिकुलपति प्रो डॉ आचार्य ऋषि रंजन, डीन एकेडेमिक्स प्रो डी शोम, रजिस्ट्रार नागेंद्र सिंह, प्रो जे राजेश, प्रो डॉ सुभेन्दु मुखर्जी समेत छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
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