NewDelhi : कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लगातार संकटों से घिरते जा रहे हैं. नयी खबर यह है कि सावरकर के पोते सात्यकी सावरकर ने राहुल गांधी पर मानहानि का केस ठोक दिया है. सात्यकी का आरोप है कि राहुल गांधी ने झूठे आरोप लगाकर उनके दादा सावरकर का अपमान किया है. सावरकर की छवि को खराब करने की कोशिश की है. जान लें कि राहुल गांधी पहले ही मानहानि (मोदी सरनेम) मामले में संसद की सदस्यता गंवा चुके हैं और अब उन पर सावरकर के पोते ने केस दर्ज करा दिया है.
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राहुल गांधी के दावे को सावरकर का अपमान करने वाला बताया
खबरों के अनुसार सात्यकी सावरकर ने राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिये बयान को आधार बनाकर पुणे में मानहानि का केस किया है. लंदन में किये गये राहुल के दावे के अनुसार सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि वे और उनके 5 -6 दोस्तों ने एक मुस्लिम की पिटाई की थी, उनको बहुत अच्छा लगा था. सात्यकी सावरकर ने इस दावे को राहुल गांधी की मनगढ़ंत कहानी करार देते हुए इसे सावरकर का अपमान करने वाला बताया है.
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पूर्णेश मोदी के वकील और राहुल के वकील दलील पेश करेंगे
खबर आयी है कि मोदी सरनेम वाले मामले में सूरत की सेशंस कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा रोकने की अपील पर आज सुनवाई शुरू हो गयी. कोर्ट में याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी के वकील और राहुल गांधी के वकील अपनी दलील पेश करेंगे. बता दें कि मानहानि मामले में 23 मार्च को 2 साल की सजा तय किये जाने के बाद राहुल गांधी 3 अप्रैल को सूरत की सेशंस कोर्ट में पेश हुए थे. इस क्रम में उन्होंने सूरत कोर्ट में मुख्य याचिका दाखिल करने के अलावा 2 आवेदन दिये थे. मुख्य याचिका में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने का साथ 2 आवेदनों में Conviction पर रोक लगाने और सजा पर स्टे लगाने की मांग की गयी थी.
सुनवाई के दौरान राहुल कोर्ट में मौजूद रहें यह जरूरी नहीं
उसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. कोर्ट की मांग पर पूर्णेश मोदी ने 11 अप्रैल को अपना जवाब दाखिल किया था. पूर्णेश ने अपने जवाब में कहा है कि यह हार-जीत का मामला नहीं है. बल्कि सामाजिक लड़ाई है. एडवोकेट केतन रेशमवाला ने जवाब पेश किया था. Conviction को चुनौती देने वाली राहुल की अर्जी पर कोर्ट ने कहा था कि दूसरे पक्ष को सुने बिना ऐसा कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता. जान लें कि कोर्ट ने राहुल गांधी को यह राहत दी है कि सुनवाई के दौरान आज वह कोर्ट में मौजूद रहें यह जरूरी नहीं है.