प्रखंड कार्यालय के नाम पर मिलता है कमीशन, घर बैठे बन जाता है एमबी : सत्येंद्र मेहता
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग के इचाक प्रखंड के कई पंचायतों में कूप निर्माण का अजीब गोरखधंधा चल रहा है. इस खेल में पंचायत प्रतिनिधि एवं प्रखंड के कई अधिकारी शामिल हैं. इसमें सीधे लाभुक को कूप निर्माण कराना है. लेकिन लाभुक की जगह ठेकेदार बन वेंडर कूप बनवा रहे हैं. सारा खेल 4.30 लाख की योजना में कमीशनखोरी से जुड़ा है. कूप निर्माण का उद्देश्य आसपास के क्षेत्रों में खेती की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करना है. एक ही परिवार के कई लोग आसपास ही कूप निर्माण करा रहे हैं.
पैसे की बंदरबांट करना ही मुख्य उद्देश्य : मुखिया
अलौंजा के मुखिया सत्येंद्र मेहता कहते हैं कि कुएं से सिंचाई करना मकसद नहीं, मुख्य रूप से पैसे की बंदरबांट करना ही उद्देश्य बना लिया गया है. आसपास में ही कई कूप खुदवा लिए गए हैं. उस कूप से न तो सिंचाई की जा रही है और न पीने के पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है. घर बैठे ही योजना से संबंधित एमबी बन जाता है और प्रखंड कार्यालय के नाम पर कमीशन भी मिल जाता है.
कभी भी धंस सकता है कुआं, जान-माल को खतरा
नीचतपुर में सड़क के किनारे बनाया गया कूप कभी भी धंस सकता है. जहां-तहां कूप निर्माण कर देने से उसमें गिरने का खतरा बना रहता है. अब उस कुएं के चारों तरफ की मिट्टी धंस चुकी है. इस कुएं से कभी एक लोटा पानी तक नहीं निकाला गया है.
विधायक ने लगाई थी फटकार, दी थी हिदायत
इचाक प्रखंड के कई पंचायत समिति सदस्यों ने एक सप्ताह पहले प्रखंड कार्यालय के अधिकारियों पर कमीशनखोरी का भी आरोप लगाया था. साथ ही सांसद, जयंत सिन्हा, बरकट्ठा विधायक और डीसी को भी आवेदन दिया था. विधायक अमित यादव ने बुधवार को इचाक प्रखंड कार्यालय में जाकर जांच भी की. वहीं बीडीओ और सीओ को हिदायत भी दी.
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