Kiriburu (Shailesh Singh) : ठेका श्रमिक मार्शल पूर्ति की मौत से जुड़े मामले को लेकर सेल की मेघाहातुबुरु खदान में 15 अप्रैल की दोपहर लगभग 12 बजे से उत्पादन व माल ढुलाई का कार्य श्रमिकों ने पूरी तरह से ठप कर रखा है. इससे मेघाहातुबुरु एवं सेल प्रबंधन को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है. संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सभी यूनियन से जुड़े सेलकर्मी और ठेका श्रमिक आंदोलन में शामिल हो गए हैं. आंदोलन कर रहे श्रमिकों की एक हीं मांग है कि जब तक प्रबंधन मृत ठेका श्रमिक के एक आश्रित को स्थायी नौकरी तथा खदान के प्रावधानों के अनुसार अन्य मुआवजा नहीं देती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
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प्रबंधन व संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता बेनतीजा रहा
इस मामले को लेकर मेघाहातुबुरु के सीजीएम आरपी सेलबम के नेतृत्व में तथा महाप्रबंधक संजय कुमार सिंह, मानस रंजन राऊत, आलोक वर्मा की मौजूदगी में संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों की दो दौर की वार्ता हुई लेकिन दोनों वार्ता बेनतीजा रही. उल्लेखनीय है कि ठेका मजदूर मार्शल पूर्ति किरीबुरू थाना क्षेत्र का सागवानबेड़ा बस्ती का निवासी था. मार्शल पूर्ति सेल के ठेकेदार संत प्रसाद तिवारी के अधीन सप्लाई मजदूर के रूप में कार्यरत था. 14 अप्रैल को मेघाहातुबुरु प्लांट में कार्य के दौरान वह मूर्छित होकर गिर गया. उसे अधिकारियों व सहयोगी श्रमिकों द्वारा सेल की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु जेनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया. चिकित्सकों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए मार्शल पूर्ति को बोकारो जेनरल अस्पताल भेजा.
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इलाज के दौरान शनिवार को सुबह मार्शल पूर्ति की मौत हो गई
बोकारो में इलाज के दौरान शनिवार को सुबह मार्शल पूर्ति की मौत हो गई. मार्शल पूर्ति की मौत की खबर मिलते ही संयुक्त मोर्चा के बैनर तले खदान के अंदर कार्यरत सैकड़ों ठेका मजदूर व तमाम मजदूर संगठनों के सेलकर्मी व मजदूर नेता जेनरल ऑफिस के पास जमा होकर सुबह लगभग साढे़ ग्यारह बजे से आंदोलन पर बैठ गए. आंदोलन स्थल पर सीआईएसएफ की विशेष रूप से तैनाती की गई है. प्रबंधन इस मामले को लेकर बोकारो स्थित सेल की बीएसएल प्रबंधन से निरंतर सम्पर्क बनाए हुए है. श्रमिक जेनरल ऑफिस के पास जमे हुए हैं. इस आंदोलन में मुखिया प्रफुल्लित ग्लोरिया तोपनो, उप मुखिया सुमन मुंडू समेत अन्य पंचायत प्रतिनिधि भी पूरा साथ दे रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि सारंडा के विभिन्न गांवों के ग्रामीण एवं विभिन्न राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधि भी इस आंदोलन के समर्थन में आगे आ रहे हैं. इस मामले को लेकर सभी आर-पार की लड़ाई लड़ने की योजना बना रहे हैं.
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