Bhopal : मध्य प्रदेश के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से एक बुरी खबर सामने आयी है. यहां दक्षिण अफ्रीका से लाये गये एक और चीते की मौत हो गयी है. उदय चीते की तबीयत रविवार सुबह से ही ठीक नहीं थी. उसे ट्रैंकुलाइज कर मेडिकल सेंटर ले जाया गया था. लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी. उदय को इसी साल 18 फरवरी को 11 अन्य चीतों के साथ कूनो लाया गया था. वेटनरी टीम आज सोमवार को उदय के शव का पोस्टमॉर्टम करेगी. भोपाल और जबलपुर से वेटनरी विशेषज्ञ पोस्टमॉर्टम के लिए कूनो गये हैं. पूरे पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जायेगी. मौत का कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पायेगा.
22 जनवरी को मादा चीता साशा की हुई थी मौत
इससे पहले 22 जनवरी को मादा चीता की मौत हो गयी थी. मादा चीता साशा किडनी के संक्रमण से पीड़ित थी. भारत आने से पहले ही किडनी की बीमारी से जूझ रही थी. नामीबिया में उसका ऑपरेशन भी हुआ था, लेकिन यह बात छिपाई गयी थी. बता दें कि नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में 20 चीते लाये गये थे. जिसमें अब 18 बचे हैं. हालांकि 29 मार्च को नामीबिया से लायी गयी मादा चीता ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया था. जिसके बाद यहां चीतों की संख्या 22 है.
1952 में देश से विलुप्त घोषित कर दिया गया था चीता
दूसरे महाद्वीपों से चीतों को भारत लाना सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का हिस्सा था. जान लें कि भारत में चीते विलुप्त हो चुके थे. विलुप्त होने के 7 दशक बाद देश में फिर से इन्हें लाया गया है. खबरों के अनुसार देश के आखिरी चीते की मृत्यु वर्तमान में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी. इसके बाद इस प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया था.
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