- पलामू प्रमंडल में लगेगा मेडिकल ऑक्सीजन रिफिलिंग यूनिट: हेमंत सोरेन
- संथाल और पलामू प्रमंडल के सांसद/विधायकों के साथ सीएम ने कोरोना संक्रमण पर की बैठक, जतायी चिंता, दिया आश्वासन
- तीसरी लहर में बच्चों को खतरा ज्यादा, सरकार करेगी चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टरों और विशेषज्ञों के साथ वर्चुअल मीटिंग
Ranchi : कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देख प्रत्येक जिले में एक जीवन रक्षक एंबुलेंस चलाया जाएगा. राज्य सरकार इस संबंध में जल्द कार्य योजना बनाएगी. यह बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर संथाल परगना प्रमंडल एवं पलामू प्रमंडल के सांसद/विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कही है.
मुख्यमंत्री ने कहा है कि विशेषज्ञों द्वारा कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने की चेतावनी दी है. राज्य सरकार तीसरी लहर से निपटने को लेकर गंभीर है और तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. विशेषज्ञों द्वारा अनुमान लगाया गया है कि तीसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण का खतरा ज्यादा रह सकता है. इस संबंध में सभी चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टरों और विशेषज्ञों के साथ राज्य सरकार आने वाले दो-तीन दिनों के भीतर वर्चुअल मीटिंग करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के सभी आइसोलेशन सेंटर और कोरेनटाइन सेंटरों को दुरुस्त किया जाएगा.14वें तथा 15वें वित्त आयोग की राशि का भी उपयोग संक्रमितों के इलाज पर हो यह सुनिश्चित किया जाएगा.
जून माह के अंत तक राज्य में स्थापित हो जाएगा कोबास मशीन
कोरोना संक्रमण के पहले लहर से ही राज्य सरकार RTPCR जांच मशीन बढ़ाने को लेकर गंभीर रही है. कोविड-19 की दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, यही कारण है कि जांच रिपोर्ट आने में थोड़ा विलंब हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द लोगों को मिल सके इसे लेकर राज्य सरकार द्वारा RTPCR जांच हेतु दो कोबास कंपनी के मशीनों के लिए ऑर्डर दिया गया है. यह मशीन जून माह के अंत तक राज्य में स्थापित हो जाएगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पलामू प्रमंडल में मेडिकल ऑक्सीजन रिफिलिंग यूनिट की आवश्यकता है. राज्य सरकार जल्द इस दिशा में सकारात्मक पहल करते हुए मेडिकल ऑक्सीजन रिफिलिंग यूनिट की स्थापना पलामू में करेगी. राज्य के सभी अस्पतालों में पीसीए मशीन भी लगाए जाएंगे.
संक्रमित मरीजों की जान बचाते-बचाते मृत हुए स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर को किया नमन
सभी सांसदों/विधायकों के विचार एवं सुझाव सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर अधिक चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है. यहां के 70% लोग ग्रामीण क्षेत्र में वास करते हैं. अधिकतर लोगों का जीवन-यापन खेती-बाड़ी अथवा मजदूरी से चलती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पहले लहर में हम सभी लोगों ने मिलकर संक्रमण के नियंत्रण और प्रसार को रोकने के लिए काम किया था. सभी के सहयोग से राज्य सरकार ने पड़ोसी राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल इत्यादि के अपेक्षा कोरोना संक्रमण को लेकर बेहतर काम किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच अच्छे कार्य करने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइनवर्कर धन्यवाद के पात्र हैं, उन्हें वे नमन करते हैं. वहीं कई पदाधिकारी संक्रमित मरीजों की जान बचाते-बचाते अपनी जान गवां चुके हैं,उन्हें भी मुख्यमंत्री ने नमन किया है.
ऑक्सीजन युक्त बेड की उपलब्धता पर पूरा फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में रांची, धनबाद, जमशेदपुर जैसे बड़े शहरों में जीवन रक्षक दवाइयों से ज्यादा मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है. जहां शुरुआती दौर में राज्य में मात्र 250 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध थे, आज हम राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 10,000 से अधिक ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था कर सके हैं.
ऑक्सीजन फ्लोमीटर (रेगुलेटर) की उपलब्धता का भी हो रहा प्रयास
हेमंत सोरेन ने कहा कि ऑक्सीजन फ्लोमीटर (रेगुलेटर) की उपलब्धता के लिए अपने सुझाव दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद रेगुलेटर की कमी होने के कारण इलाज में बाधा पहुंच रही है. राज्य सरकार द्वारा रेगुलेटर की उपलब्धता के लिए इंडो-डेनिश टूल रूम के साथ समन्वय बनाकर तथा राज्य के कई निजी कंपनियों के सहयोग से रेगुलेटर का मॉडल तैयार करने पर कार्य किया जा रहा है. जल्द ही हम अपने राज्य में ही रेगुलेटर तैयार करने में सक्षम हो जाएंगे.मुख्यमंत्री ने कहा कि नेजल पाइप की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर हम लगातार प्रयासरत हैं. हफ्ते दिन के अंदर हम नेजल पाइप की आपूर्ति सुचारू रूप से कर सकेंगे.
सामाजिक सुरक्षा के तहत चल रहे कार्यक्रमों पर फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत जितनी भी योजना संचालित हैं जैसे राशन वितरण, विभिन्न पेंशन इत्यादि सभी योजनाओं का कार्यान्वयन सुचारू रूप से चले इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा की सभी योजनाओं का निरंतर अनुश्रवण राज्य सरकार के पदाधिकारियों द्वारा किया जाना सुनिश्चित किया गया है.