Godda: आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था से कोसों दूर गोड्डा वासी सरकारी अस्पताल पर ही निर्भर है. हाल के दिनों में कुछ निजी क्लिनिक जरूर खुले हैं मगर यहां ईलाज कम दोहन ज्यादा है. अधिकांश क्लिनिक के संचालक सरकारी चिकित्सक ही हैं जो ड्यूटी से समय निकालकर क्लिनिक चलातें हैँ. पूरे जिले से लोग इलाज कराने सदर अस्पताल ही पहुंचते हैं. ऐसे में यहां की व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखना एक चुनौती है.
सीएस डॉ अनंत झा के कार्यकाल में अस्पताल में सुधार देखने को मिल रहा है.सीएस कहतें हैं कि आप किसी भी समय पहुंचे जिनकी ड्यूटी है वह आपको तैनात मिलेंगे. मैं जब तक हूं कार्य से कोई समझौता नहीं करूंगा. यही वजह है कि प्रतिदिन तीन से चार सौ मरीज इलाज कराने पहुंच रहें हैं. सौ बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल में अधिकांश बेड फुल रहता है. मरीज बढ़ने पर अतिरिक्त बेड भी लगाया जाता है. इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड व बर्न वार्ड में भी बेड लगी हुई है. सभी वार्ड में पंखा चालू हालत में है. इमरजेंसी और बर्न वार्ड में एसी लगा हुआ है. लाइट चले जाने पर जेनरेटर के अलावा निर्माणाधीन सोलर लाइट का जल्द ही चालू कर दिया जाएगा. पेयजल के लिए दो वाटर प्लांट लगे हुए हैं जिसमें एक खराब है. मरम्मती करवाने को कहा गया है.
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