Ranchi : 2024 के लोकसभा चुनाव में अब साल भर से भी कम समय बचा है. ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने संसदीय सीटों पर होमवर्क कर लिया है. झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं. इनमें से 12 एनडीए के कब्जे में है. भाजपा 11 सीटों पर काबिज है, जबकि एक सहयोगी आजसू के पास है. एक सीट कांग्रेस और एक सीट झामुमो के कब्जे में है. पुरानी जीती हुई सीटों को फिर से जीतने और हारी हुई सीटों को पाने के लिए भाजपा ने रणनीति तैयार की है. भाजपा की प्रदेश इकाई के साथ-साथ पार्टी की केंद्रीय टीम भी हारी हुई सीट राजमहल और सिंहभूम में मेहनत कर रही है. कमजोर सीटों को भी चिह्नित कर चुनाव जीतने की रणनीति बनाई गई है. 10 हजार से कम वोटों से जीती हुई सीट खूंटी और लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में भी बूथों को मजबूत किया जा रहा है. पार्टी के प्रदेश और केंद्रीय पदाधिकारी लगातार इन क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं.
मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर 30 मई से भाजपा मिशन मोड पर काम करने वाली है. देशभर में पार्टी 30 दिनों का महासंपर्क अभियान चलाएगी. झारखंड में भी इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. इस अभियान के तहत भाजपा अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के माध्यम से समाज के हर वर्ग और हर घर में पहुंचने की रणनीति बनाई है. हर लोकसभा क्षेत्र में विशाल जनसभा की जाएगी. लोकसभा और विधानसभा स्तर पर सम्मेलन होगा. समाज के हर वर्ग को साधने और हर घर तक मोदी सरकार की उपलब्धियों को लेकर जाने की योजना है.
2024 के लिए भाजपा की कार्ययोजना
हारी हुई सीटें और कमजोर सीटों पर पार्टी मजबूत टीम तैयार कर रही है. प्रदेश के नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय नेताओं का भी इन लोकसभा सीटों पर दौरा चल रहा है.
अनुभवी और युवा नेताओं को आगे लाने की योजना बनी है. वैसे नेताओं को प्रमोट किया जा रहा है, जिनमें नेतृत्व करने की क्षमता है और जनता के बीच अच्छी पकड़ है.
संगठन से कट चुके वरिष्ठ नेताओं और पुराने कार्यकर्ताओं को भी पार्टी अब एक्टिव कर रही है. उन्हें सम्मान के साथ-साथ चुनाव में अहम जिम्मेदारी भी दी जाएगी.
सभी लोकसभा सीटों के सामाजिक और राजनीतिक समीकरण के मुताबिक उस समाज से जुड़े नेताओं के बीच कार्यों और जिम्मेदारियों का बंटवारा किया जाएगा.
पार्टी ने सोशल मीडिया और आईटी सेल की गतिविधियां बढ़ा दी है. सभी सांसदों, विधायकों, पदाधिकारियों के सोशल मीडिया प्रोफाइल से हर रोज पार्टी और समाज से जुड़े मुद्दों पर पोस्ट हो रहे हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी के नेता केंद्र सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं और राज्य सरकार की नाकामियों को गिनवा रहे हैं.
हर मोर्चा अपने-अपने समाज से जुड़े लोगों के घरों तक पहुंचकर उन्हें बता रहे हैं कि मोदी सरकार ने उनके समाज के उत्थान के लिए क्या किया. कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है. सोशल इंजीनियरिंग के जरिए हर लोकसभा क्षेत्र में कम से कम 10 हजार दलित परिवारों को जोड़ने का काम पार्टी के कार्यकर्ता कर रहे हैं.