Ranchi : रांची विश्वविद्यालय के सेंट्रल लाइब्रेरी की छत का हिस्सा टूटकर गिरने से एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया. साथी छात्र आनन-फानन में उसे लेकर रिम्स पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस हादसे में जिस छात्र की मौत हुई है उसका नाम मंतोष बेदिया है. मंतोष के पिता दिहाड़ी मजदूर है और उनका नाम सहेज नाथ बेदिया है. वह पतरातू के अमरादाग गांव के रहनेवाले हैं. हर दिन की तरह मंतोष बुधवार को सेंट्रेल लाइब्रेरी पढ़ने आया. वह अपनी साइकिल खड़ी कर के थोड़ा आगे जैसे ही बढ़ा वैसे ही उपर से एक हिस्सा टूट के उसके सिर पर गिर गया. मंतोष लहूलुहान होकर वहीं पर गिर गया था.
आक्रोशित छात्रों ने किया प्रदर्शन, रजिस्ट्रार को सड़क पर बैठा कर रखा
घटना के बाद छात्र आक्रोशित हो गए. सड़क जाम कर जमकर नारेबाजी की. रजिस्ट्रार डॉ. एमसी मेहता सड़क पर बैठे छात्रों को समझाने पहुंचे. उनके साथ डीएसडब्ल्यू सुदेश साहु, सीसीडीसी डॉ. पीके झा, वीसी की ओएसडी डॉ. स्मृति सिंह मौजूद थीं. नाराज छात्रों ने रजिस्ट्रार की बात नहीं मानी और उन्हें लगभग दो घंटे तक सड़क पर अपने साथ बैठा कर रखा.
छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो पहुंचे रिम्स, आक्रोश
वहीं छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो की अगुवाई में कई छात्र रिम्स पहुंचे और उन्होंने घटना को लेकर आक्रोश जाहिर किया. वहीं मृतक के परिजन भी रिम्स पहुंचने वाले हैं.
4 लाख मुआवजा का मिला आश्वासन
नाराज छात्रों ने मृतक के परिजनों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग की. इसपर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि मैं मृत छात्र के परिजन को 400000 रुपए किस्तों में दूंगा, जो मेरे पावर में है. परिवार के किसी एक व्यक्ति को अनुबंध पर नौकरी दूंगा. अनुबंध में नौकरी देने के बाद कुलाधिपति और राज्य सरकार को इसे स्थायी नौकरी देने का अनुरोध करूंगा. परिजन रांची में चाहे तो रांची में नौकरी कर सकते हैं, अगर वह बीवीयू के अंदर आने वाले कॉलेजों में काम करना चाहते हैं तो मैं वहां काम दूंगा. वहीं कुलपति ने छात्रों की मांग पर सीसीडीसी डॉ. पीके झा और स्टेट ऑफिसर अर्जुन को बर्खास्त करने की बात कहीं.
आरयू के पदाधिकारियों को पता था जर्जर है भवन
रांची विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों को मालूम था कि भवन जर्जर है. कई बार शुभम संदेश दैनिक अखबार इस जर्जर भवन की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित कर चुका है. इसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. लाइब्रेरी ही नहीं आर्ट्स और कॉमर्स ब्लॉक के भवन भी जर्जर हैं.
ट्यूशन पढ़ा कर खुद पढ़ाई करता था मंतोष
मंतोष एक गरीब परिवार से था और ट्यूशन पढ़ा कर खुद की पढ़ाई का खर्च उठाता था. चार भाई बहनों में दूसरे नंबर पर था. वह एसएस मेमोरियल कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया था. स्नातक करने से पहले मंतोष सिविल इंजीनियर में डिप्लोमा किया है. मंतोष के ममेरे भाई ने बताया कि वह 2012 से रांची में रह रहा था. वह पढ़ाने में काफी तेज था.
कब-कब क्या हुआ
- 10:25 बजे में हुई घटना
- विरोध में 5 घंटा तक छात्रों ने किया सड़क जाम
- 12:23 बजे में घटनास्थल पर पहुंचा विश्वविद्यालय का डेलिगेशन
- डेलिगेशन में रजिस्ट्रार डॉ. एमसी मेहता, डीएसडब्ल्यू सुदेश साहु, सीसीडीसी डॉ. पीके झा, वीसी की ओएसडी डॉ. स्मृति सिंह शामिल थी.
- 2:25 बजे घटनास्थल पर पहुंचे कुलपति.
- छात्रों ने जलाया कुलपति का पुतला.
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