राज्य भर में खाली पड़ी जमीनों पर भू-माफिया की नजर
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
Ranchi: राज्य भर में खाली पड़ी जमीनों पर भू-माफिया की नजर है. माफिया सरकारी, निजी, गैरमजरुआ जमीन और तालाब को बिल्डर और सरकारी तंत्र के साथ मिली भगत कर धड़ल्ले से बेच रहे हैं. यही वजह है कि इन दिनों बहुत सारी अवैध कॉलोनियां बसती जा रहीं हैं. पहले तालाब का अतिक्रमण किया जाता है. फिर धीरे धीरे उसे भरकर बेचने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इन दिनों राज्य के विभिन्न जिलों में नदी तालाबों का अस्तित्व मिटता जा रहा है जिसके कारण जल स्रोत खत्म हो रहे हैं. ऐसे कई मामले जमशेदपुर, हजारीबाग, धनबाद, चाईबासा, लातेहार से आए हैं. इसमें गौर करने की बात यह है कि शिकायत के बाद भी समय पर कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे मामलों में आमजन ही फंसते हैं और परेशानी झेलते हैं. शुभम संदेश की टीम ने इस मामले पर पड़ताल की है. पेश है रिपोर्ट.
हजारीबाग :
- पुलिसकर्मी और उसके बेटे पर सरकारी दस्तावेज और सरकारी डाटा डिलीट करने का लगा आरोप
- पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी आने लगी सामने जीएम लैंड सत्यापन के लिए गए अमीन के साथ मारपीट
सरकारी जमीन को चिह्नित करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
हजारीबाग में सरकारी जमीन को चिह्नित और कब्जा मुक्त कराना प्रशासन के लिए भी चुनौती बन गई है. खासकर तब जब इस मामले में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी सामने आने लगी. ऐसा ही मामला कटकमदाग के मसरातू मौजा में सामने आया है. हजारीबाग में जीएम लैंड की लूट इस कदर मची हुई है कि अब कानून के रखवाले ही कानून को हाथ में लेने लगे हैं. आलम यह है कि पुलिस पदाधिकारी भी जीएम लैंड पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं. इतना ही नहीं सरकारी अमीन जीएम लैंड की मापी करने जा रहे हैं, तो उनके साथ मारपीट भी की जा रही है. यहां तक कि दस्तावेज भी फाड़ दिए जा रहे हैं.
जीएम लैंड की ऑनलाइन मैपिंग करने का आदेश
मसरातू पहुंची ‘शुभम संदेश’ की टीम को जानकारी हाथ लगी कि हजारीबाग में इन दिनों जीएम लैंड की ऑनलाइन मैपिंग करने का आदेश दिया गया है. इसे लेकर प्रखंड के सरकारी अमीन को जिम्मेवारी दी गई है. इसके लिए स्थल निरीक्षण कर ऑनलाइन मैपिंग करनी है. ऑनलाइन मैपिंग करने के लिए कटकमदाग के सरकारी अमीन को मसरातू मौजा भेजा गया. अमीन का आरोप है कि वहां उनके साथ वायरलेस में सेवा देने वाले पुलिसकर्मी चंद्रिका रजक और उनके बेटे ने उनके साथ मारपीट की. यही नहीं सरकारी दस्तावेज फाड़ दिए गए और मोबाइल पर लोड किए गए 150 डाटा को डिलीट कर दिया गया. इतना से भी जब मन नहीं भरा, तो सरकारी अमीन समेत अन्य कर्मियों को बंधक बना लिया गया.
लातेहार :
- भवन निर्माण के दौरान जायत्री नदी का पानी निकासी के लिए मात्र 2 से 3 फीट रास्ता छोड़ा
- भवन निर्माण के दौरान जायत्री नदी का पानी निकासी के लिए मात्र 2 से 3 फीट रास्ता छोड़ा
गृह निर्माण के लिए जायत्री नाला का मार्ग अवरुद्ध किया, डूब जाएंगे कई घर
शहर के बाजारटांड में प्राचीन शिव मंदिर के पास जायत्री नाला का अतिक्रमण कर घर बनाये जा रहे हैं. जायत्री नाला के जल निकासी का मार्ग अवरूद्ध कर दिया गया है. इससे बरसात के दिनों में एक सौ से अधिक घरों में पानी घुस जाएगा. बता दें बाजारटांड़ में खाता संख्या 5, प्लॉट 215 में भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है. भवन निर्माण के दौरान जायत्री नदी का पानी निकासी के लिए मात्र 2 से 3 फीट रास्ता छोड़ा गया है. लोगों का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है. बरसात के दिनों में बड़ी तेजी से बारिश का पानी इस नाले से होकर गुजरता है. गंदगी का अंबार होने के कारण जल निकासी ठीक से नहीं हो पाती है. इसकी जानकारी वार्ड दो के निवासियों ने निवर्तमान वार्ड पार्षद जितेंद्र पाठक को भी दिया है. इससे पहले नगर पंचायत के कनीय अभियंता व अन्य अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गयी है. बावजूद निर्माण कार्य जारी है. वार्ड निवासी मुरली मोहर गुप्ता, सुदामा मिस्त्री ,राम लखन मिस्त्री, रंजन प्रसाद ,अनिल पांडे ,भिखारी यादव, बजरंगी प्रसाद,संतोष प्रसाद, दिलीप कुमार, बैजनाथ प्रसाद, राजू प्रसाद समेत कई लोगों ने बताया कि बरसात के दिनों में जल निकासी का रास्ता अवरुद्ध होने के कारण बाजारटांड़ के शिव मंदिर समेंत अन्य कई घरों में पानी घुस जाता है.
कटकमदाग अंचल में मची है अफरा-तफरी दहशत में अमीन
इस घटना के बाद कटकमदाग अंचल में अफरा-तफरी का माहौल भी है. अमीन जमीन सत्यापन करने के लिए जाना नहीं चाह रहे हैं. अमीनों में इस बात की दहशत है कि जीएम लैंड को या तो भू-माफिया या फिर दबंग कब्जा किए हुए हैं. जब ऑनलाइन वेरिफिकेशन किया जाएगा, तो हंगामा होने के आसार हैं. मारपीट मामले में कटकमदाग अंचलाधिकारी शशि भूषण सिंह ने स्थानीय थाने में एफ आईआरदर्ज किया है. साथ ही अपनी फरियाद उपायुक्त नैंसी सहाय के पास भी लगाने जा रहे हैं ताकि सुरक्षा के साथ जीएम लैंड का वेरिफिकेशन किया जा सके.
डीसी के आदेश पर चल रहा है अतिक्रमण के खिलाफ अभियान
झारखंड सरकार एवं हजारीबाग उपायुक्त के आदेशानुसार कटकमदाग अंचल क्षेत्रों में अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती से अभियान चलाया जा रहा है. सरकारी जमीन का अवैध कब्जा किए हुए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. कटकमदाग अंचल अधिकारी शशि भूषण सिंह का कहना है कि वैसी सरकारी भूमि जिस पर कब्जा किया गया है, उसे हर हाल में मुक्त कराया जाएगा. जो भी व्यक्ति या भू-माफिया सरकारी काम में बाधा पहुंचाएंगा तो उसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज की जाएगी. हर हाल में सरकारी भूमि को कब्जे से मुक्त कराया जाएगा.इसकी तैयारी की जा रही है.
- चौपारण में जमीन खरीद बिहार के दो खरीदार बने भुक्तभोगी
- सीओ ने दाखिल-खारिज किया रद्द, अंचल कार्यालय से निर्गत नहीं है केवाला
फर्जी एलपीसी से जमीन का केवाला
चौपारण के ताजपुर में फर्जी एलपीसी बना कर जमीन का केवाला करा देने का मामला प्रकाश में आया है. इस मामले में सीओ ने दाखिल-खारिज को रद्द कर दिया है. साथ ही जांच के बाद आवेदक पर मामला दर्ज कराने की बात कही है. दरअसल इन दिनों हर प्रखंड में भू-माफिया सक्रिय हैं और जमीन हथियाने के लिए हर तरह हथकंडे अपनाकर किसी भी किस्म की जमीन के बेचने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में जमीन घोटाले कर निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है. चौपारण के ताजपुर पंचायत स्थित मरहेड़ी का कुछ ऐसा ही मामला है.
विक्रेता चौपारण की निर्मला देवी, रफीगंज के प्रमोद कुमार गुप्ता और औरंगाबाद के राकेश कुमार सिंह ने खाता खाता नंबर 9 प्लॉट 416 में छह और तीन डिसमिल का फर्जी एलपीसी बना कर बेच दिया. सोनू कुमार सिंह (भोजपुर बिहार) को 6 डिसमिल और बिना देवी (महाराजगंज औरंगाबाद बिहार) को तीन डिसमिल जमीन केवाला कर दिया. जमीन केवाला हो जाने के बाद पुनः अंचल कार्यालय में आकर दोनों जिसका केस नंबर-334आर27/2023-24/चौपारण एवं 333आर14/2023-24/चौपारण दाखिल-खारिज करने के लिए अंचल कार्यालय चौपारण को दिया. अंचल की जांच में केवाला में लगे दोनों एलपीसी फर्जी पाए गए. कर्मचारी मयंक कुमार ने आपत्ति दर्ज कराई और बताया गया कि अंचल कार्यालय में राजेश कुमार गुप्ता की ओर से संबंधित खाता प्लॉट में आपत्ति आवेदन दर्ज किया गया है. विक्रेता की ओर से जिस एलपीसी पर केवाला किया गया, वह अंचल कार्यालय से निर्गत नहीं है. नामांतरण वाद अस्वीकृत किया जा सकता है.
अंचल अमीन के साथ हुई हाथापाई
कटकमदाग अंचल के मौजा मसरातू में गैरमजरूआ जमीन को चिह्नित करने के दौरान अंचल के अमीन उपेन्द्र कुमार के साथ रैयतों ने मारपीट की. कटकमदाग में गैरमजरूआ भूमि को चिह्नित करने के लिए मौजा मसरातू के थाना नंबर 125, खाता नंबर 226, प्लॉट नंबर 3914 और 3915 में गैरमजरूआ भूमि को चिह्नित करने के दौरान मौजा मसरातू के रैयत ने मारपीट की.
चाईबासा : रोलाडीह में बंदोबस्ती जमीन पर बनाया जा रहा एकलव्य विद्यालय भवन
मंझारी प्रखंड अतंर्गत रोलाडीह में एकलव्य विद्यालय भवन बंदोबस्ती जमीन पर बनायी जा रही है. बंदोबस्ती जमीन पर विद्यालय निर्माण होने से मंझारी प्रखंड अतंर्गत पुढ़दा के जगदीश चंद्र बिरूवा ने आपत्ति जताई है और मामले में कार्रवाई के लिए अचंल कार्यालय में लिखित शिकायत भी की है, लेकिन कर्मचारी और पदाधिकारी की मिलीभगत से इस मामले की लीपापोती की कोशिश की जा रही है. अब स्थिति यह है कि जगदीश चंद्र बिरुवा कार्यालय का चक्कर काट कर परेशान हैं. जगदीश ने इस मामले में कोल्हान भूमि बचाओ समिति चाईबासा को अवगत कर कानूनी लड़ाई में सहयोग की मांग की है. केन्द्रीय योजना के तहत मंझारी प्रखंड के रोलाडीह में तीन एकड़ जमीन पर करोड़ों रुपए की लागत से एकलव्य विद्यालयबनाया जा रहा है. इसमें जगदीश चंद्र बिरूवा के एक एकड़ जमीन का अतिक्रमण किया गया है. उक्त जमीन 45 साल पहले ग्राम सभा द्वारा जगदीश चंद्र बिरूवा को खतियान थाना संख्या- 246, खाता संख्या- 4, प्लाट संख्या- 4317 तथा रकवा एक एकड़ बंदोबस्ती की गई थी.
जगदीश के पास बंदोबस्ती के परवाना कागजात भी हैं. जगदीश उक्त जमीन का प्रतिवर्ष लगान भी देते आ रहे हैं. ग्रामीण मुंडा द्वारा काटी गयी लगान रसीद भी है. उक्त बंजर जमीन की पिछले 45 साल पहले ग्राम सभा कर बंदोबस्ती की गई थी. उस जमीन को जगदीश खेती लायक बनाकर अपनी जीविका चला रहे थे. भुक्तभोगी ने कानूनी कार्रवाई के लिए अचंल कार्यालय में आवेदन दिया है लेकिन कर्मचारी व पदाधिकारी की मिलीभगत के कारण उनका काम नहीं हो रहा है. पूछने पर कहा जाता है कि आवेदन को एसडीओ के पास भेजा गया है. वहीं एसडीओ कार्यालय में पता करने पर अचंल से कागजात नहीं मिलने की बात कही जा रही है. लेटर संख्या के बारे में पूछने पर लेटर संख्या भी नहीं दी जा रही है. इससे जगदीश खुद को मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं. जगदीश का कहना है कि वह विद्यालय निर्माण का विरोध नहीं कर रहे हैं. हम अपनी जमीन का अतिक्रमण किये जाने का विरोध कर रहे हैं.
आदिवासी रैयत का मानसिक उत्पीड़न
जगदीश कहते हैं कि भूमि बंदोबस्ती का परवाना व लगान रसीद कटने के बावजूद अन्य प्रयोजन में लाना अंचल कार्यालय की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है. यह जांच का विषय है. चूंकि बंदोबस्ती की भूमि पुनः किसी को दान या बेचने पर रोक है. बंदोबस्त की गई जमीन को अतिक्रमण कर विद्यालय का निर्माण कराना सरासर गलत है.
मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत : जगदीश
जमीन मालिक जगदीश कहते हैं कि वह इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे.जगदीश ने मानकी मुंडा केन्द्रीय समिति में भी लिखित शिकायत कर इस मामले को संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करने के लिए मार्ग दर्शन मांगा था. मानकी मुंडा संघ ने भी मामले को उपायुक्त को लिखकर मंतव्य मांगा, लेकिन अब तक संघ को भी कोई जवाब नहीं मिला है. जमीन का खतियान में अंकित खाता संख्या 4, प्लाट संख्या- 4317, एक एकड़ जमीन 45 साल पहले जगदीश को ग्राम सभा द्वारा बंदोबस्ती की गई है. जगदीश उक्त जमीन का परवाना कागजात व लगान रसीद प्रतिवर्ष कटवाते हैं. मामले में जगदीश ने लिखित शिकायत की है, लेकिन सुनवाई के नाम पर कार्यालय का चक्कर कटवाया जा रहा है. इससे वह मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं.
अंचल कर्मी और पदाधिकारी की संलिप्तता है : बिनोद
चाईबासा के भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष बिनोद कुमार सवैंया कहते हैं कि इसमें सीएनटी एक्ट का घोर उल्लंघन है. इस मामले में अंचल कर्मचारी और पदाधिकारी की संलिप्तता है. इसलिए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
अतिक्रमण के बारे में कुछ नहीं कहेंगे : अंचलाधिकारी
मंझारी अंचल के प्रभारी अंचलाधिकारी समीर नेमियार खालको कहते हैं कि मंझारी एकलव्य विद्यालय अभी बन रहा है. जमीन अतिक्रमण के संबंध में अभी कुछ नहीं कहेंगे.
आदित्यपुर : तालाब को भरकर बना दिया अपार्टमेंट
आदित्यपुर के टाटा कांड्रा मुख्य मार्ग पर आकाशवाणी कॉलोनी से सटे एक प्राचीन तालाब को बेचकर पहले तो सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर दूसरे जिले के बिल्डर को बेच दिया गया. इसके बाद बिल्डर ने तालाब को भरकर उमेश इन्क्लेव अपार्टमेंट बना दिया. अब बिल्डर ने तालाब और आकाशवाणी कॉलोनी के बीच स्थित 30 फीट के रास्ते को अपार्टमेंट निर्माण के दौरान गायब कर दिया है. इस मामले को आरटीआई कार्यकर्ता रवीन्द्र घोष ने आरटीआई के माध्यम से उठाया है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए हैं.
रवींद्र घोष बताते हैं कि टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर स्थित आयडा पार्क के पास उमेश इन्क्लेव अपार्टमेंट के मेन गेट से हरिओम नगर तक जाने के लिए झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने 30 फीट सड़क छोड़ रखी थी, जिसे उमेश इन्क्लेव के निर्माता पायनियर बिल्डर्स ने वर्ष 2011 से ही घेर कर रखा है. इस सडक को खुलवाने के लिए वे 15 साल से प्रयासरत हैं. झारखंड हाईकोर्ट ने अब इस मामले को संज्ञान में लिया है. इसके बाद न्यायालय ने इस केस को खोल दिया है. उन्होंने बताया कि इस आम रास्ता को बंद किये जाने की शिकायत झारखंड हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से भी की गई है. उन्हें उम्मीद है कि बहुत जल्द ही एक नई सड़क आम जनता को हरिओम नगर जाने के लिए मिलेगी.
जमशेदपुर :
- लाइफ लाइन कहलाने वाले तालाब किनारे बसे लोग कर रहे हैं अतिक्रमण
हरहरगुटू-सोमाय झोपड़ी क्षेत्र का बड़ा तालाब सिमटकर हुआ छोटा
सुप्रीम कोर्ट ने तालाब-पोखर का अतिक्रमण अथवा भरे जाने पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद जमशेदपुर में धीरे-धीरे तालाब-पोखर का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है. जो तालाब अथवा पोखर बचे हैं, उनका तेजी से अतिक्रमण किया जा रहा है. इन्हीं में हरहरगुटू सोमाय झोपड़ी में स्थित राजा तालाब (बड़ा तालाब) है. उक्त तालाब को क्षेत्र की लाइफ-लाइन कहा जाता है. क्षेत्र के सभी तलाब सूख जाते हैं. लेकिन बड़ा तलाब का पानी कभी नहीं सूखता है. सरकारी रिकॉर्ड में इसका रकबा 4.90 एकड़ है, लेकिन वर्तमान में यह तीन एकड़ से भी कम हो गया है. तालाब के चारों ओर बसे लोग तेजी से किनारों को भरकर इसका अतिक्रमण कर रहे हैं. इससे गोलाकार तालाब अब त्रिभुजाकार दिखने लगा है.
2018 में डीसी से की गई थी अतिक्रमणकारियों की शिकायत
हरहरगुटू-सोमाय झोपड़ी बड़ा तलाब का जीर्णोद्धार की आड़ में तालाब का अतिक्रमण करने तथा तालाब की मिट्टी की बिक्री करने की शिकायत स्थानीय लोगों ने 2018 में डीसी से की थी. डीसी द्वारा शिकायत पर संज्ञान लेकर इसकी जांच करायी गई. इसके बाद तालाब की खुदाई का काम बंद कर दिया गया था. शिकायत करने वालों ने तत्कालीन पंचायत समिति सदस्य (वर्तमान मुखिया) भरत जोड़ा, राजन सिन्हा तथा दया सिंह पर नियम विरूद्ध जाकर तालाब की खुदाई करवाने तथा तालाब की मिट्टी की बिक्री करने का आरोप लगाया था. प्रशासनिक जांच में तीनों ने अधिकारियों को गुमराह किया. इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी से बढ़ा हुआ है भू-माफिया का हौसला
हरहरगुटू सोमाय झोपड़ी क्षेत्र में स्थित कई तालाबों का अस्तित्व मिटा चुके भू-माफियाओं के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से उनका मनोबल बढ़ा हुआ है. वहीं अधिकारियों द्वारा तालाब भरने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना है. कुछ महीनों पहले तक जिन तालाबों में पानी हुआ करता था, उनका अस्तित्व अब समाप्त होने के कगार पर है. रात के अंधेरे में डंपर तथा दिन के उजाले में ट्रैक्टर से मिट्टी की ढुलाई कर तालाब भरा जा रहा है. तालाब से सटे खाता संख्या 1075, प्लॉट संख्या 2099 की जांच करने आए राजस्व कर्मचारी ने तालाब भरे जाने का अवलोकन किया, लेकिन भरने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई अथवा वरीय अधिकारियों से इसकी शिकायत नहीं की.
गंभीर जल संकट उत्पन्न होने की आशंका : राजू श्रीवास्तव
सामाजिक कार्यकर्ता सह आरटीआई एक्टिविस्ट राजू श्रीवास्तव ने बताया कि राजा तालाब पर एक बड़ी आबादी निर्भर है. यह क्षेत्र के जलस्रोत का आधार है, लेकिन तालाब का अतिक्रमण किए जाने तथा कुछ तालाबों को भरे जाने से जलस्रोत खत्म हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर तालाब का अतिक्रमण करने अथवा भरे जाने पर रोक नहीं लगायी गई तो निकट भविष्य में पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है.
चक्रधरपुर : बड़े-बड़े तालाब व गड्ढों को भरकर बनाये जा रहे फ्लैट
चक्रधरपुर के कई इलाकों में तालाब व गड्ढों को भरकर गैर कानूनी तरीके से फ्लैट का निर्माण कराया जा रहा है. इससे आसपास क्षेत्र में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. चक्रधरपुर के वार्ड संख्या आठ स्थित हरिजन प्राथमिक विद्यालय के समीप फ्लैट का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. स्थानीय लोगों के अनुसार राजाओं द्वारा दान में दी गई जमीन की खरीद-बिक्री कर तेजी से बड़े-बड़े फ्लैट बनाये जा रहे हैं, जबकि जमीन पर अपना अधिकार बताने वाले व बिल्डरों का कहना है कि खतियानी जमीन पर ही फ्लैट का निर्माण हो रहा है. इसके कागजात भी उनके पास हैं. इधर फ्लैट निर्माण के दौरान किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जांच-पड़ताल नहीं की जाती. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस ओर से सही तरीके से जांच पड़ताल कर ही भवन निर्माण होना चाहिए. इसी तरह चक्रधरपुर के मारवाड़ी हाई स्कूल के समीप स्थित तालाब, पोस्ट ऑफिस रोड के पीछे स्थित तालाब, केनाल रोड स्थित तालाब इत्यादि क्षेत्र में तेजी से जमीनों पर घर और फ्लैट बनाये जा रहे हैं. वार्ड संख्या आठ स्थित हरिजन प्राथमिक विद्यालय के समीप फ्लैट का निर्माण होने से आसपास लोगों की भी परेशानी बढ़ गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बिल्डर द्वारा फ्लैट का निर्माण तो करा दिया गया है, लेकिन नालियां सही तरीके से नहीं बनायी गई है. इसके कारण बरसात के मौसम में पानी निकासी नहीं होती है. बरसात के मौसम में पूरे क्षेत्र में घुटने भर पानी जमा हो जाता है. इससे आवाजाही में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी तरह मारवाड़ी स्कूल के पीछे केनाल रोड में कई जमीनों पर बिना रास्ता निकाले व नाली बनाये ही बड़े-बड़े घर बनाये गये हैं. यहां भी लोगों को आवाजाही में परेशानियां उठानी पड़ती हैं.
आसपास की खाली जमीन पर तेजी से हो रहा भवन निर्माण : शिवचंद पोद्दार
चक्रधरपुर के वार्ड संख्या आठ स्थित हरिजन प्राथमिक विद्यालय के समीप रहने वाले शिवचंद पोद्दार ने कहा कि आसपास क्षेत्र में खाली जमीन पर तेजी से भवन का निर्माण हो रहा है, लेकिन भवन निर्माण के दौरान नक्शा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इससे आसपास क्षेत्र में लोगों को परेशानियां उठानी पड़ती है. फ्लैट और घर निर्माण के लिए नालियों को जाम कर दिया जाता है. इससे नालियों का पानी सड़क से लोगों के घर में आ जाता है,जिससे सभी को परेशानी झेलनी पड़ती है.
![](https://i0.wp.com/lagatar.in/wp-content/uploads/2023/06/Untitled-13-12.jpg?resize=150%2C150&ssl=1)
फ्लैट का निर्माण होने से नालियों का पानी आता है सड़क पर : रामबाबू साव
चक्रधरपुर के वार्ड संख्या आठ निवासी रामबाबू साव ने कहा कि बड़े-बड़े मैदान व खाली जमीन पर तेजी से फ्लैट का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन आसपास रहने वाले लोगों की सहूलियत पर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हमारे मोहल्ले में प्रत्येक वर्ष बारिश के मौसम में जल जमाव की समस्या से लोगों को गुजरना पड़ता है. नालियों का पानी रास्ते पर आ जाता है. इसे लेकर कई बार नगर परिषद् को भी अवगत कराया गया है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.