Sanjeet Yadav
Pandu (Palamu) : पांडू बीडीओ राहुल उरांव की सरकारी गाड़ी 19 जून को दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी. हालांकि वाहन में बीडीओ मौजूद नहीं थे. उस गाड़ी को पांडू प्रखंड के नाजिर गोविंद सिंह चला रहे थे. गोविंद सिंह ने खुद बताया था कि वह बीडीओ की गाड़ी लेकर खजूरी में अपने रिश्तेदार के यहां गये थे. वहां से लौटने के क्रम में ही गाड़ी असंतुलित होकर के घोरीघाट पुलिया से नीचे जा गिरी. अब पांडू बीडीओ राहुल उरांव की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त मामले में कई सवाल उठने लगे हैं. लगातार डॉट इन के संवाददाता ने जब बीडीओ से सवाल किये तो वे टाल मोटल जवाब देते रहे. (पढ़ें, लातेहार : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बैठक संपन्न, विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा)
गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त मामले में उठ रहे कई सवाल
- पांडू बीडीओ की दुर्घटनाग्रस्त सरकारी गाड़ी को किस मद से बनाया जायेगा?
- बीडीओ की गाड़ी नाजिर गोविंद सिंह निजी उपयोग के लिए ले गये थे, तो क्या नाजिर गाड़ी की रिपेयरिंग का खर्च उठायेंगे. या फिर सरकारी मद से खर्च का वहन होगा.
- सरकारी गाड़ी कार्यालय से बाहर निकलने के बाद लॉक बुक भरना होता है. लॉक बुक में सब कुछ दर्शाना होता है. जैसे गाड़ी कितना किलोमीटर चली. गाड़ी कहां और किस काम के लिए गयी थी. इस लॉक बुक को सरकारी गाड़ी का ड्राइवर ही भरता है. अब सवाल है कि जब गाड़ी को सरकारी ड्राइवर नहीं चला रहा था तो इसको लॉग बुक में भरा जायेगा या नहीं.
- नवा जयपुर थाना प्रभारी के अनुसार, जब गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई, उस समय उसमें 3 लोग सवार थे. एक प्रखंड के नाजिर थे और दो अन्य लोग थे. आखिर वो दो लोग कौन थे?
- प्रखंड के नाजीर बीडीओ की अनुमति से सरकारी गाड़ी ले गये थे या नहीं?
- नाजिर के पास ड्राइविंग लाइसेंस था या नहीं?
- सरकारी ड्राइवर की जगह नाजिर को सरकारी गाड़ी चलाने के लिए क्यों दी गयी.
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