Supaul : बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती एक के बाद एक तस्वीर सामने आ रही है. नयी तस्वीर सुपौल जिले से आयी है. जहां मरीज का इलाज अस्पताल के बाहर खड़े ऑटो में किया जा रहा है. और इलाज कोई डॉक्टर नहीं बल्कि सुरक्षाकर्मी कर रहे है.
डॉक्टर ने ऑटो में ही लगायी इंजेक्शन
यह तस्वीर सुपौल के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल के बाहर की है. जहां परिजन ऑटो में ही अपने मरीज का इलाज करा रहे है. मिली जानकारी के अनुसार त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के खट्टर चौक एनएच-327 पर ऑटो और बाइक में टक्कर हो गयी. जिसमें 3 लोग घायल हो गये. जिसमें से एक स्थिति गंभीर बतायी जा रही. परिजन उसे ऑटो से लेकर त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे. जहां एक घंटे तक घायल व्यक्ति दर्द से कराहता रहा लेकिन कोई सुध लेने नहीं पहुंचा. अस्पताल पहुंचने के आधे घंटे के बाद डॉक्टर अपने चेंबर से बाहर निकले. डॉक्टरों ने घायल को महज दर्द का इंजेक्शन देकर रेफर कर दिया.
सुरक्षाकर्मी ने किया स्टीच
परिजनों ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मी की जगह अस्पताल में सुरक्षा में तैनात निजी सुरक्षाकर्मी मरीज का इलाज किया. गार्ड नें मरीज का स्टीच किया. परिजनों ने कहा कि मरीज की स्थिति काफी गंभीर थी इसलिए उसे ऑटो से ही ले जाना पड़ा.