London : चीन के वुहान (Wuhan) के एक लैब में कोरोना वायरस को चीनी वैज्ञानिकों ने बनाया, जहां से यह वायरस लीक हो गया और लैब से निकलकर यह पूरा दुनिया में फैल गया और तबाही मचा रहा है. यह चर्चा दुनिया भर में खूब हुई और इसका चीन ने खंडन भी किया. लेकिन अब फिर वुहान की लैब चर्चा में है.
इसे भी पढ़ें : कोरोना संक्रमण : लोग हैं कि मानते नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 50 फीसदी लोग अभी भी मास्क नहीं पहनते
Dr Peter Daszak के इंटरव्यू को लेख का आधार बनाया
बता दें कि साइंस रिसर्च मैग्जीन बुलेटिन ऑफ एटोमिक साइंटिस्ट (Bulletin of the Atomic Scientists) में प्रकाशित एक आर्टिकल में ब्रिटेन के प्रसिद्ध साइंस राइटर, एडिटर ऑर लेखक निकोलस वेड ने दावा किया है कि कोरोना वायरस को चीन के वुहान स्थित BSL2 lab में बनाया गया, जहां से यह लीक हो गया.
खबरों के अनुसार निकोलस वेड ने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को फंड मुहैया कराने वाली अमेरिका संस्था इकोहेल्थ एलायंस ऑफ न्यूयॉर्क के अध्यक्ष डॉ. पीटर डास्जैक (Peter Daszak) के इंटरव्यू को अपनी लेख का आधार बनाया है. अपने इंटरव्यू में सबसे पहले डॉ. डास्जैक ने ही पहली बार वुहान लैब में स्पाइक प्रोटीन की रिप्रोग्रामिंग और ह्यूमनाइज्ड चूहों को संक्रमित करने वाले काइमेरिक कोरोनावायरस तैयार किये जाने का खुलासा किया था.
इसे भी पढ़ें : वाराणसी के डॉक्टरों से बात की PM मोदी ने, कहा, ब्लैक फंगस नयी चुनौती, मंत्र दिया, जहां बीमार, वहीं उपचार
100 से ज्यादा नये कोरोना वायरस ढूंढे गये
डॉ. डास्जैक ने कहा था, करीब 6-7 वर्षों की शोध के बाद वुहान लैब में सार्स से संबंधित करीब 100 से ज्यादा नये कोरोना वायरस ढूंढे गये.इनमें से कुछ को मानव कोशिकाओं पर आजमाया गया है, कुछ ह्यूमनाइज्ड चूहों में सार्स वायरस संक्रमण करने में कामयाब रहे. निकोलस वेड के अनुसार डॉ डास्जैक जानते थे कि वुहान इंस्टीट्यूट में कोरोना वायरस की संक्रमण क्षमता बढ़ाने पर लगातार रिसर्च जारी है. यह भी मालूम था कि वहां वैज्ञानिकों को संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित रखने की तैयारियों में खामियां थी.
इसे भी पढ़ें : कलकत्ता HC का फैसला, TMC नेता हाउस अरेस्ट रहेंगे, मामला बड़ी बेंच में जायेगा
वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व डॉ. शी झेंगली कर रही थीं
महामारी की बात सामने आने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों को हर जानकारी मुहैया कराने के बजाय उन्होंने वायरस के लीक होने की सभी आशंकाओं को खारिज करने में अपनी पूरी ताकत लगा दी. निकेलस वेड ने लिखा, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व डॉ. शी झेंगली कर रही थीं. जिन्हें बैट-लेडी (Bat lady) भी कहा जाता है. उन्होंने दक्षिणी चीन में युन्नान की गुफाओं की यात्रा कर चमगादड़ों में पाये जाने वाले करीब 100 किस्म के कोरोना वायरस जुटा लिये थे. इस रिसर्च में उन्हें अमेरिका के रॉल्फ एस. बेरिक का भी साथ मिला.
निकोलस वेड के अनुसार, 2018 और 2019 में डॉ शी को इन प्रयोगों के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिजीज से फंड मिल रहा था, जो कि अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का हिस्सा है. फंड पहले प्राइम कॉन्ट्रैक्टर इकोहेल्थ एलायंस के डॉ. डास्जैक को हासिल हुआ. जिसे उन्होंने डॉ. शी झेंगली को मुहैया कराया.
Leave a Reply