Jamshedpur (Anand Mishra) : झारखंड में नयी शिक्षा नीति-2020 को पूर्णतः लागू करने की मांग को लेकर स्कूली बच्चों के अभिभावक गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एकदिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे. इस दौरान जमशेदपुर अभिभावक संघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें नयी शिक्षा नीति के प्रावधानों को पूरी तरह पूरे राज्य में लागू करने की मांग की गयी है. हड़ताली अभिभावकों का नेतृत्व कर रहे संघ के अध्यक्ष डॉ उमेश कुमार ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 (आरटीई) की धारा 12(1) (सी) के प्रावधान में अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को झारखंड राज्य के निजी की स्कूलों की प्रवेश कक्षा में आरक्षित सीट पर नामांकन शुरू हुए थे.
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उन्होंने कहा कि प्रावधान के तहत स्कूलों में नामांकन प्राप्त बच्चों को कक्षा 8वीं तक नि: शुल्क शिक्षा पाने का अधिकार प्राप्त है. आरटीई अधिनियम के झारखंड राज्य में लागू होने के दौरान स्कूल में नामांकन प्राप्त बच्चे अब कक्षा आठवीं पास कर कक्षा नौवीं कक्षा में पहुंच गये हैं. इन बच्चों से संबंधित स्कूल प्रबंधन अब स्कूल फीस कि मांग कर रहे हैं. आठवीं कक्षा पास कर नौवीं में प्रमोट हो चुके अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे फीस दे सकें. ऐसे में पैसे आभाव में इन बच्चों की शिक्षा अधर में लटकती हुई नजर आ रही है.
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डॉ उमेश कुमार ने कहा कि नयी शिक्षा नीति 2020 को भारत सरकार ने पूरे देश में लागू कर दिया है पर इस कानून का लाभ झारखंड राज्य में बच्चों को मिलता नजर नहीं आ रहा है. क्योंकि उक्त कानून की कंडिका 8-8 के प्रावधान में अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा पाने का अधिकार दिया गया है. संघ मांग ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि नयी शिक्षा नीति-2020 को झारखंड राज्य में पूर्णतः लागू करने का आदेश दिया जाये, ताकि उक्त कानून का लाभ लें सकें. अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चे नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर निर्बाध रूप 12 वीं तक अपनी शिक्षा पूरी कर सकें.