- बस में बनी प्रयोगशाला से बच्चों में बांटे जा रहे विज्ञान के ज्ञान
- ग्रामीण इलाकों में केंद्र सरकार की योजना के जरिए विद्यार्थियों को दी जा रही जानकारी
Gaurav Prakash
Hazaribagh : हजारीबाग में अब साइंस ऑन ह्वील के माध्यम से बाल वैज्ञानिक बनाने की मुहिम चल रही है. खासकर ग्रामीण इलाकों के बच्चों में विज्ञान के प्रति दिलचस्पी जगाई जा रही है. बस में प्रयोगशाला बनाकर गांव-गांव में जाकर बच्चों में विज्ञान के ज्ञान बांटे जा रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में केंद्र सरकार की योजना के जरिए विद्यार्थियों को विज्ञान की जानकारी दी जा रही है.
विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति जागरुकता और उत्साह बढ़ाने के उद्देश्य इन दिनों हजारीबाग के ग्रामीण इलाकों में साइंस ऑन व्हील देखने को मिल रहा है. राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसमें एक बस को प्रयोगशाला का रूप दिया गया है. बस जिसे साइंस ऑन व्हील का नाम दिया गया है. ग्रामीण इलाकों में घूम-घूम कर निजी एवं सरकारी विद्यालय के छात्र-छात्राओं को विज्ञान की बारीकियों से अवगत करा रहा है. इसमें गांव के बच्चों को ग्रहण, सौरमंडल, पृथ्वी की घूर्णन गति, दिन-रात होने के कारण आदि की जानकारी दी जा रही है. इंसान का बदन एक मशीन की तरह है, जिसमें कई तंत्र काम करते हैं. पाचन तंत्र, श्वसन तंत्र किस तरह से काम करता है. यही नहीं परमाणु ऊर्जा से लेकर न्यूटन के नियम की भी जानकारी बच्चों को दी जा रही है. छोटे-छोटे पहलुओं से बच्चों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है, ताकि वह विज्ञान के प्रति आकर्षित हों और अपना करियर उस दिशा में बना सकें.
तीन दशकों से प्रयास में लगी है संस्था
संस्था विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मनोवृत्ति विकसित करना, वैज्ञानिक दृष्टिकोण पनपने और लोगों में वैज्ञानिक जागरुकता उत्पन्न करने के लिए पिछले तीन दशकों से भी अधिक समय से कार्यरत है. इस परिषद के मुख्य लक्ष्यों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में प्रगति के संबंध में रोमांच उत्पन्न करना, सबसे निचले स्तर पर जानकारी युक्त निर्णय लेने में सक्षम बनाना तथा विकास के मुद्दों पर बौद्धिक वाद-विवाद को प्रोत्साहित करना शामिल है.
राज्य के चार जिलों में चलाई जा रही चलंत प्रयोगशाला
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली से स्वीकृत परियोजना के अंतर्गत चलित विज्ञान प्रदर्शनी का परिचालन डॉ. हरगोविंद खुराना साइंस एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन से हो रहा है. राज्य के चार जिलों चतरा, हजारीबाग, कोडरमा और गिरिडीह के सरकारी विद्यालयों, निजी विद्यालयों एवं सामान्य जनमानस में विज्ञान के प्रचार-प्रसार एवं विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों के आयोजन के लिए किया जा रहा है.
बच्चों का आईक्यू लेवल काफी बेहतर : प्रशिक्षक
प्रशिक्षक कौशल किशोर बताते हैं कि ग्रामीण इलाकों में बच्चों में उत्साह काफी अधिक है. लेकिन विज्ञान के प्रति जानकारी का अभाव है. बस के जरिए ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ शहरी इलाकों के विद्यार्थियों को भी विज्ञान के छोटे-छोटे पहलुओं के बारे में नि:शुल्क जानकारी दी जा रही है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विद्यार्थी कई तरह के सवाल जवाब भी उन लोगों से करते हैं. सवाल-जवाब से यह पता चलता है कि उनका आईक्यू लेवल काफी अच्छा है. अगर बच्चों को सही दिशा दी जाए, तो यह काफी विकसित हो सकते हैं.
विज्ञान की बारीकियों को सीखने का बेहतर मौका
साइंस ऑन व्हील में जानकारी प्राप्त करने वाली सुलताना स्थित एक निजी स्कूल की छात्रा पूजा, तृषा, आरसी, कुणाल, राजीव, राकेश आदि ने बताया कि इस तरह का इंतजाम हमेशा होना चाहिए. विद्यार्थियों को लाभ मिलता है. ग्रामीण इलाकों के विद्यालयों में प्रयोगशाला बेहद कम स्कूल में है. इस कारण उन लोगों के लिए और भी अच्छा मौका है कि विज्ञान की बारीकियों को सीख पाएं.
इसे भी पढ़ें : गिरिडीह : गिरिडीह की प्रज्ञा नयन साउथ इंडियन फिल्मों में बिखेर रही जलवा