विष्णुगढ़ में 6500 हेक्टेयर में धनरोपनी का लक्ष्य, अब तक रोपनी शुरू नहीं, कहीं-कहीं लगाए गए हैं बिचड़े
Rajendra Dubey
Vishnugarh : मॉनसून की दगाबाजी ने किसानों की फिक्र बढ़ा दी है. कृषि विभाग की ओर से विष्णुगढ़ में 6500 हेक्टेयर में धनरोपनी का लक्ष्य रखा है. लेकिन अब तक नतीजा शून्य है. अब तक रोपनी शुरू नहीं हुई है. कहीं-कहीं बिचड़े लगाए गए हैं. लेकिन वर्षा के अभाव में जैसे-जैसे खेत सूख रहे हैं, वैसे-वैसे किसानों की परेशानी भी बढ़ रही है. खेतों में दरारें पड़ गई है. बिचड़ों को बचाने की जद्दोजहद चल रही है. जहां पानी का कोई स्रोत नहीं है, वहां बिचड़ों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. ऐसे में किसी तरह बिचड़े बचते भी हैं, तो पुष्ट नहीं होंगे. इसका असर धान के उत्पादन पर पड़ना तय माना जा रहा है. चलंगा के किसान महेंद्र नारायण सिंह कहते हैं कि अच्छी पैदावार के लिए धान के महंगे बीज खरीदे, मगर वर्षा की बेरुखी की वजह से किसान मरते बिचड़े को देखकर परेशान हैं. खरिका के गोविंद पटेल कहते हैं कि अमूमन सावन के महीने में धान की रोपाई समाप्ति पर होती थी, पर इस बार बारिश की कमी के कारण अब तक उनके अलावा इलाके के ज्यादातर किसान खेतों में बीज नहीं डाल पाए हैं.
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300 की जगह सिर्फ 92 मिमी बारिश
विष्णुगढ़ के प्रखंड कृषि पदाधिकारी अभय कुमार ने बताया कि जून तक महज 91.8 मिलीमीटर वर्षा हुई है. जबकि 280 से 300 मिलीमीटर तक बारिश होनी चाहिए थी. वहीं जुलाई माह में 41.1 मिलीमीटर तक बारिश हुई है. अच्छे कृषि कार्य के लिए 320 मिमी से अधिक वर्षा बेहतर मानी जाती है.
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