![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/WEB-BANNER-021.jpg)
विधानसभा जाने के रास्ते में जगन्नाथ मंदिर के पास पुलिस ने रोक दिया
अब एक अगस्त को सीएम को सौंपेंगे ज्ञापन : डॉ. लंबोदर
Anant Kumar
Bermo : बेरमो को जिला बनाने की मांग को लेकर 111 पदयात्री 5 दिनों तक गर्मी, धूप, बारिश झेलते हुए मुख्यमंत्री से मिलने 31 जुलाई को राजधानी रांची पहुंचे. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उन्हें नहीं मिलने दिया गया. प्रशासन ने विधानसभा जाने वाली मुख्य सड़क पर जगन्नाथ मंदिर के समीप रोक दिया. बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के सह संयोजक कुलदीप प्रजापति ने बताया कि वे लोग सीधे मुख्यमंत्री के हाथ ज्ञापन सौंपना चाहते थे, लेकिन सरकार की ओर एक मजिस्ट्रेट को भेज दिया गया. मौके पर मौजूद गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 1 अगस्त को मिलने का समय दिया है. 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलकर ज्ञापन सौपेगा.
ज्ञात हो कि बेरमो को जिला बनाने की मांग को लेकर संघर्ष समिति ने 26 जुलाई को तेनुघाट अनुमंडल मुख्यालय से राजधानी रांची के लिए पूरे उत्साह के साथ पदयात्रा शुरू की थी. 111 सदस्यों का जत्था 5 दिनों की 111 किलोमीटर कष्टपूर्ण यात्रा पूरी कर 31 जुलाई को रांची पहुंचा. जत्थे में महिला, पुरुष, नौजवान, लड़के और लड़कियां शामिल थे.
रास्ते में थकने पर सड़क किनारे लेट जाते, रात में एक-दूसरे का करते थे मसाज
बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के सह संयोजनक कुलदीप प्रजापति ने बताया कि लंबी यात्रा और थकान से कई पदयात्री बीमार पड़ गए. फिर भी मंजिल तक पहुंचने के जज्बे के सहारे इसे पूरा करने में सफल रहे. तेनुघाट से पेटरवार तक पहले दिन की यात्रा रोमांच से भरी थी. लेकिन शाम सात बजे जब पेटरवार पहुंचे तो सभी थक चुके थे. पैरों में सूजन हो गया था. दूसरे दिन साथियों की हौसला आफजाई करते हुए पदयात्रा आगे बढ़ी. रास्ते में बारिश के बीच छाता के सहारे यात्रा बढती रही. रामगढ जिले के गोला में रात्रि विश्राम हुआ. 28 जुलाई की सुबह 9 बजे गोला से तीसरे दिन की यात्रा आगे बढ़ी. साथी नाचते, गाते, झूमते चल रहे थे. कई जगहों पर ग्रामीणों ने स्वागत किया. पानी पिलाया और हिम्मत दी. दो किलामीटर की सिकदरी पहाडी की चढ़ाई तय करने में तीन घंटे लग गए. खालसा होटल पर रात्रि विश्राम हुआ. 29 जुलाई की सुबह सभी साथी यात्रा पर निकल पड़े. थकान की वजह से जगह-जगह सड़क किनारे ही लेट जाते थे. फिर थोडा विश्राम के बाद निकल पडते थे. रात में एक-दूसरे का मसाज कर तरोताजा हो जाते थे. इसी तरह छठवें दिन की सुबह पदयात्रा रांची पहुंची.
अनुमंडल अधिवक्ता संध का मिला साथ
बेरमो अनुमंडल अधिवक्ता संध ने संघर्ष समिति के आंदोलन का समर्थन करते हुए इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. संघ से जुड़े अधिवक्ताओं ने 31 जुलाई को न्यायिक कार्यों से खुद को अलग रखा. 100 से अधिक अधिवक्ता सोमवार को दो बसों पर सवार होकर बेरमो से रांची पहुंचे और अंतिम दिन पदयात्रियों के साथ शामिल होकरआंदोलन को बल दिया. मौके पर संघर्ष समिति के संयोजक संतोष कुमार नायक, सह संयोजक कुलदीप प्रजापति, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष कामेश्वर मिश्रा, महासाचिव वकील प्रसाद महतो, जिप अध्यक्ष सुनीता देवी, उपाध्यक्ष बबिता देवी, कसमार प्रखंड के प्रमुख नियोति डे, जिप सदस्य सुरेन्द्र राज, माला कुमारी, मुखिया तारामणि देवी, नीलम श्रीवास्तव, चंद्रशेखर नायक, चितरंजन साव, विमल जायसवाल आदि मौजूद रहे.
यह भी पढ़ें : बेरमो : बाबूलाल से मिलीं महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष, बताईं समस्याएं
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/neta.jpg)
Leave a Reply