जिल में आईपीएस के 4 पद खाली, हर रोज हो रही वारदातें बढ़ा रही पुलिस की चुनौती
राम मूर्ति पाठक
Dhanbad : कोल सिटी धनबाद अब क्राइम सिटी बनता जा रहा है. कोयले के काले कारोबार पर वर्चस्व और सियासी घरानों की अदावत में जिले में खून खराबे का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है. दूसरी तरफ गैंग्स ऑफ़ वासेपुर का नया सरगना प्रिंस खान ने अपनी धमक से पुलिस के नाक में दम कर रखा है. वहीं जिले में चोरी, लूट, डकैती और छिनतई की घटनाएं भी बदस्तूर ज़ारी है. कोई ऐसा दिन नहीं कि शहर में कोई आपराधिक घटना ना घटी हो. हर रोज जिले के किसी ना किसी हिस्से में वारदातों को अंज़ाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दी जा रही है. क्राइम और क्रिमिनल से निपटने की चुनौती के साथ-साथ धनबाद पुलिस अपने भीतर के सिस्टम की चुनौतियों से जुझ रही है. जिले में खाली आईपीएस के पदों से भी पुलिस के कामकाज पर प्रभाव पड़ रहा है.
धनबाद में 4 आईपीएस के पद खाली
धनबाद में 4 आईपीएस के पद खाली है. धनबाद के रेल एसपी प्रियदर्शी आलोक को बोकारो एसपी और ग्रामीण एसपी रीष्मा रमेशन को पलामू एसपी बना दिया गया है. प्रियदर्शी आलोक धनबाद में रेल एसपी के साथ-साथ जैप-3 गोविंदपुर के कमांडेंट के पद पर थे. वही रीष्मा रमेशन ग्रामीण एसपी के साथ सिटी एसपी की प्रभार में थी. इधर निरसा एसडीपीओ के दुमका एसपी बनने और डीएसपी मुख्यालय दो अरविंद कुमार सिंह के आईपीएस में प्रमोशन के बाद डीएसपी स्तर के 2 पद खाली हो गए हैं.
17 महीने से सिटी एसपी नहीं, ग्रामीण एसपी का पद भी रिक्त
जिले में 17 महीने से सिटी एसपी का पद खाली है. पिछले साल 5 अप्रैल 2022 को धनबाद के सिटी एसपी आर रामकुमार का तबादला कर लोहरदगा एसपी के पद पर पदस्थापित किया गया था. ग्रामीण एसपी रीष्मा रमेशन ही सिटी एसपी का प्रभार संभाल रहीं थी. उनके तबादले से सिटी के साथ-साथ ग्रामीण एसपी का पद भी खाली हो गया है.
क्राइम कैपिटल बनता जा रहा है धनबाद
धनबाद कोल सिटी के साथ-साथ क्राइम सिटी भी बनता जा रहा है. हत्या, चोरी, डकैती और छिनतई के बढ़ते मामले इसकी ही तस्दीक करते हैं. हाल की ही घटना पर गौर करें तो सोमवार 31 जुलाई की रात अपराधियों ने सिंह मेंशन समर्थक धनंजय यादव के घर में घुसकर सबके सामने बेरहमी से उसकी हत्या कर दी. इससे कुछ दिन पहले टुंडी में 12 जुलाई को आरएसएस कार्यकर्ता शँकर डे का कत्ल कर दिया गया.
श्रावणी मेले में प्रतिनियुक्ति से भी कानून व्यवस्था पर असर
जिले से 710 जवानो की श्रावणी मेले में तैनाती की गई है. जिसके कारण शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रोंमें पुलिस की क्षमता सिकुड़ी है. इसका फ़ायदा अपराधी उठा रहे हैं. यही वजह है कि अपराधियों का हौसला बुलंद है. गली कूचे से लेकर घनी आबादी वाले इलाके में वारदातें हो रही हैं.
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