झारखंड प्रतियोगी परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों व रोकथाम निवारण के उपाय विधेयक को बताया काला कानून
Dhanbad : आजसू छात्र संघ ने शुक्रवार 4 अगस्त को रणधीर वर्मा चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कोयलांचल प्रभारी हिरालाल महतो ने कहा कि झारखंड प्रतियोगी परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों व रोकथाम निवारण के उपाय विधेयक – 2023 को बिना संशोधन किए पारित करना छात्रो के लिए काला कानून है. कहा कि यदि कोई छात्र प्रतियोगी परीक्षा में हुई गड़बड़ी या अन्य कोई शिकायत करेगा तो उसपर इस विधेयक के धारा – 23 के तहत बिना किसी प्रारंभिक जांच के सीधे एफआईआर दर्ज़ कर दी जाएगी.
इस विधेयक का खंड 2 इस विधेयक को और अधिक काला कानून बनाता है. जिसमे एफआईआर के बाद नियुक्त आईओ के द्वारा बिना किसी के आदेश के एफआईआर के तुरंत बाद ही गिरफ्तारी कर जेल भेजने का प्रावधान है. जो कि सुप्रीम कोर्ट के स्टैंडिंग गाइडलाइन सीआरपीसी – 41 ए का उल्लंघन है. सीआरपीसी 41 – A के तहत आरोपी से उसका पक्ष जानना ज़रूरी है. जो इस विधेयक में उल्लेखित नही है. विश्वविद्यालय अध्यक्ष विशाल महतो ने कहा कि झारखंड सरकार यह खुद जानती है कि वो बिना गड़बड़ी के सफलतापूर्वक प्रतियोगिता परीक्षा ले ही नही सकती है. जिसके कई उदाहरण जेपीएससी और जेएसएससी के है.
पुतला दहन कार्यक्रम में नावाडीह उप मुखिया विकास कुमार, छात्र नेता दिनेश दास, विक्की कुमार, विवेक महतो, सचिन दास, अंशु शर्मा, नीलेश ओझा, उत्पल मंडल, शेखर महतो, बबलू महतो, शुभम रजक, भोला पासवान, पुनु प्रसाद, राहुल यादव, सोनू कर्मकार, राजेश महतो, ऋषिकेश, सोनू सिंह व अन्य शामिल थे.