Thiruvanthapuram : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बुधवार को यहां कहा कि एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य की थीम पर जी-20 बैठकों की मेजबानी कर रहा भारत वैश्विक स्तर पर अपनी विश्वसनीयता खो रहा है क्योंकि इसका एक राज्य जल रहा है. थरूर ने कहा कि जहां भारत के नेता अपने भाषणों में वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हैं, वहीं जब हमारा अपना ही एक राज्य जल रहा हो तो हमारी क्या विश्वसनीयता होगी? नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करे
My remarks to @PTI_News in Thiruvananthapuram after an event to release the cover of @georgekallivayil’s book “Manipur FIR”. https://t.co/jPHb6x9osX
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 16, 2023
यहां मानवता और सद्भाव की जरूरत है
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि दुनिया भर में जो लोग भारत के बारे में पढ़ेंगे, वे कहेंगे कि सबसे पहले यहां मानवता और सद्भाव की जरूरत है. पूर्व विदेश राज्य मंत्री थरूर ने कहा, इसलिए मैं प्रधानमंत्री मोदी जी से अनुरोध करूंगा कि कम से कम वैश्विक स्तर पर हमारी विश्वसनीयता को बचाने के लिए कुछ कार्रवाई करें. वह यहां दिल्ली के पत्रकार जॉर्ज कल्लिवयालिल द्वारा लिखित मणिपुर एफआईआर नामक पुस्तक का कवर जारी करने के बाद एक बैठक को संबोधित कर रहे थे. केरल मीडिया अकादमी द्वारा आयोजित इस समारोह में माकपा नेता और राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल थे.
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए
कांग्रेस सांसद ने अपने संबोधन में मणिपुर में हिंसा को धीरे-धीरे फैलती भयावहता करार दिया और कहा कि जब मई में पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा भड़की थी, तो उन्होंने सुझाव दिया था कि वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, इस तरह, सेना और राज्यपाल बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के कानून और व्यवस्था बनाए रखने पर निर्णय ले सकते थे. मणिपुर और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए थरूर ने दावा किया, अब तक यह नहीं किया गया है और मुझे नहीं लगता कि यह किया जायेगा क्योंकि इस सरकार (केंद्र में) ने फैसला किया है कि अगर भाजपा को वहां सत्ता में बने रहना है, तो मौजूदा मुख्यमंत्री को बरकरार रहना चाहिए. इसलिए वे वहां राष्ट्रपति शासन नहीं चाहते.
सरकार जमीनी हकीकत को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं
इस मामले पर सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आश्चर्य जताया कि जो सरकार जमीनी हकीकत को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है वह मणिपुर समस्या का समाधान कैसे खोज सकती है? बाद में पीटीआई-भाषा से बात करते हुए थरूर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार में मणिपुर संकट को हल करने के लिए इच्छाशक्ति की कमी है. थरूर ने कहा, ‘‘अभी, जो भी थोड़ी शांति है, वह कब्रिस्तान की शांति है. समुदाय पूरी तरह से विभाजित है – और मेइती क्षेत्रों में कोई कुकी नहीं है और कुकी क्षेत्रों में मेइती नहीं है. हम उस तरह के आधार पर एक देश नहीं बना सकते.
Leave a Reply