कस्टडी में मृत नागो का हंगामे के बाद हुआ पोस्टमार्टम
Giridih : अपनी मां की हत्या के आरोप में पकड़े गए बेंगाबाद प्रखंड के महुआर गांव निवासी नागो पासी की हिरासत मामले में बेंगाबाद पुलिस घिर गई है. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर मामले को सलटा लेने बातें सुनी जा रही हैं. इधर, सदर अस्पताल में हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद नागो पासी (55) के शव का पोस्टमार्टम 21 अगस्त को दोपहर बाद हुआ. दंडाधिकारी रणवीर कुमार की निगरानी में तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया. मेडिकल बोर्ड में डॉ रवि महर्षि, डॉ राजीव कुमार व डॉ नीता कुमारी शामिल थे.
परिजनों ने की चौकीदार की फजीहत
इससे पूर्व सदर अस्पताल में नागो के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. लाश के साथ आए चौकीदार नागो ठाकुर की परिजनों ने जमकर फजीहत की. परिजन नागो ठाकुर को मौत का जिम्मेदार ठहरा रहे थे. चौकीदार अपनी सफाई में बार-बार कह रहा था कि पुलिस कस्टडी से जब उसे चिकित्सा के लिए बेंगाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जा रहा था, तब उसकी सांस चल रही थी. बताया कि पूछताछ में चौकीदार का कोई हाथ नहीं रहता. हालत गंभीर देख बेंगाबाद स्वास्थ्य केंद्र से उसे गिरिडीह सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था लेकिन सदर अस्पताल में चिकित्सा से पूर्व ही उसकी मौत हो गई.
दामाद ने लगाया पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप
इधर, बेंगाबाद पुलिस की यह दलील बेतुका लग रही है कि नागो पासी की मौत हार्ट अटैक से हुई है। उसकी मौत अगर हार्ट अटैक से हुई है तो उसके पीठ पर गहरे जख्म के निशान कैसे हैं? सुबह 6:30 बजे पत्रकारों की टीम जब सदर अस्पताल पहुंची तो मृतक का दामाद लक्ष्मण महथा पुलिस पर आरोप लगा रहा था कि पुलिस कस्टडी में ससुर की बेरहमी से पिटाई की गई है. कहा कि पुलिस की पिटाई से उसके ससुर की मौत हुई है.
परिजनों को समझाने में सफल हो गई पुलिस !
पुलिस ने गांवस्तर पर लोगों को समझाने की कोशिश की और इसमें सफल भी हुई. दंडाधिकारी के समक्ष मृतक के पुत्र महेंद्र चौधरी का सूर बदल गया. उसने बताया कि रविवार की सुबह पिता को पुलिस पूछताछ के लिए थाना ले गई. पुत्र ने कहा कि सदर अस्पताल मैं दंडाधिकारी को बताया कि 3 साल पूर्व पिता के पेट का ऑपरेशन हुआ था. कहा कि मौत किस कारण से हुई यह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा, पर वह पुलिस पर सीधा आरोप लगाने से वह बचता रहा. इधर मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने परिजनों के साथ समझौता कर लिया है. यही कारण है कि दोपहर बाद परिजनों के सुर बदल गए. फिलहाल दंडाधिकारी की रिपोर्ट डीसी को सौंपी जाएगी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सच्चाई का खुलासा हो सकेगा. मौत की कितनी बोली लगाई गई, यह अब भी रहस्य बना हुआ है.
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