Koderma : इस मानव जीवन में मां की ममता का कोई मोल नहीं. मां चाहे तो पुत्र को भगवान बना दे और मां चाहे तो पुत्र को गृहस्थ बना दे. शनिवार को झुमरीतिलैया में विराजमान जैन संत मुनि श्री 108 सुयश सागर जी महाराज की गृहस्थ अवस्था की मां का मंगल आगमन झुमरीतिलैया धर्मनगरी में हुआ. जैसे देव लोक तीर्थंकर भगवान की माता का स्वागत करते हैं, उसी तरह स्थानीय जैन समाज और जैन महिला समाज ने मुनि श्री के गृहस्थ व्यवस्था की माता का गाजे-बाजे के साथ एक तीर्थंकर की माता की तरह स्वागत किया. सभी ने माता के चरणों में नमन कर आशीर्वाद प्राप्त किया. चातुर्मास संयोजिका सुनीता सेठी ने कहा कि माता का स्वागत कर हम अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. ऐसी माता का दर्शन पाकर हम कोडरमावासी धन्य हो गए हैं. माता श्री ने अपने गृहस्थ अवस्था के पुत्र और वर्तमान में जैन मुनि के चरणों में श्रीफल चढ़ाया और चरणों में नमोस्तु कर भाव विभोर हो गईं.
इस अवसर पर माता ने कहा कि मुनी सुयश सागर में बचपन से ही त्याग और संयम झलकता था. जैन संत जब हमारे नगरी दुर्ग छत्तीसगढ़ में आते थे तब उनकी सेवा में लग जाते थे. एक बार इनका दर्शनचर्या शिरोमणि आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज से हुई. तब से इनका जीवन पूरी तरह बदल गया और ब्रह्मचर्य व्रत 10 अक्टूबर 2008 जबलपुर (मध्य प्रदेश) में ग्रहण कर 14 अक्टूबर 2009 अशोकनगर (मध्य प्रदेश) मुनि दीक्षा को ग्रहण कर पूरे देश में पैदल चलते हुये धर्म प्रभावना कर रहे हैं. इस अवसर पर विशेष रूप से समाज के मंत्री ललित सेठी, राज छाबड़ा, चातुर्मास के संयोजक नरेंद्र झांझरी, राजीव छाबड़ा, सुमित सेठी, सुनीता सेठी, ममता सेठी, हैदराबाद से सुमित पांड्या, कुनकुरी से सीए ऋषभ पाटोदी, दुर्ग से लगभग 50 लोग के साथ समाज के सैकड़ों लोग उपस्थित थे.
इंटर हाउस वॉलीबॉल प्रतियोगिता में सुखदेव हाउस बना विजेता
कोडरमा के चेचई, चाराडीह में स्थित विवेकानंद कॉन्वेंट स्कूल में सीसीए अंतर्गत आयोजित इंटर हाउस वॉलीबॉल प्रतियोगिता में विद्यालय के तीनों हाउस राजगुरु, सुखदेव एवं भगत सिंह हाउस ने भाग लिया. जिसमें तीनों हाउस ने एक-दूसरे से एक-एक मैच खेला. परिणाम स्वरूप सुखदेव व राजगुरु हाउस के बीच शानदार फाइनल मुकाबला हुआ और इसमें सुखदेव हाउस के बच्चों ने अपने दमदार प्रदर्शन की बदौलत भगत सिंह हाउस को दो प्वाइंट से हराकर फाइनल मुकाबला अपने नाम कर लिया. पूरे प्रतियोगिता में अनशुमान कुमार, आनंद साव, सन्नी यादव, आयुष यादव इत्यादि का बेहतर प्रदर्शन रहा. विजेता टीम को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया. मौके पर बच्चों को संबोधित करते हुए निदेशक अनिल कुमार ने कहा कि खेल मानवीय जीवन का अभिन्न हिस्सा है. अतः बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ खेलकूद में हमेशा भाग लेना चाहिए. खेलने से शारीरिक स्फूर्ति के साथ-साथ मानसिक संतुलन भी बेहतर होता है. सीसीए इंचार्ज चंदन कुमार व शिक्षक राहत अली की देखरेख में यह प्रतियोगिता संपन्न हुआ. इस अवसर पर प्राचार्य राधेश्याम पंडित, सह निदेशिका खुशबू गुप्ता, शिक्षक राजीव रंजन, अनुपम दास, शिक्षिका सुचित्रा सिन्हा, रानी शर्मा, सुनंदा पाठक, शिवानी पाठक, निशा भारती, रिंकी कुमारी समेत कई उपस्थित थे.
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