Chandwa : रविवार को आमझारिया में आनंदमार्गियों ने प्रेसवार्ता की. आनंदमार्गियों ने दावा किया कि अमझरिया कीर्तन धाम की जमीन वन विभाग की नहीं बल्कि आनंदमार्गियों की है. प्रेसवार्ता में आनंदमार्गी शिवपूजन प्रसाद ने बताया कि अमझरिया स्थित भूमि जिस पर आनंद मार्ग के द्वारा समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं, इस भूमि का स्वामित्व आनंदमार्ग का है और कब्जे में है. यह भूखंड आनंद मार्ग को जमींदार के द्वार दान में मिला हुआ है. बताया जाता है कि 8 अक्टूबर 1970 को आनंदमार्ग के प्रवर्तक एवं गुरुदेव श्री श्री आनंदमूर्ति जी द्वारा बाबा नाम केवलम अष्टाक्षरी सिद्ध कीर्तन महामंत्र इसी जगह पर प्रतिपादित किया गया. अमझरिया में नक्सलियों का प्रभाव था. डर के कारण पुलिस भी वहां नहीं जाती थी. आनंद मार्ग के आध्यात्मिक साधना और सेवा कार्य से उनका दिल बदला. उन्होंने सामान्य जीवन शैली को अपनाया. वर्तमान में यह घाटी शांत है.
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मौके पर ये रहे मौजूद
मौके पर आनंद मार्ग प्रचारक संघ के आचार्य संतोषानंद अवधूत, आचार्य रामेंद्रानंद अवधूत, आचार्य ब्राजगोपालानंद अवधूत, आचार्य प्रज्ञानंद अवधूत, अमझरिया कीर्तन नगर डेवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष मधेश्वर शाह जी, सचिव सुदर्शन पासवान, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार जी, उपाध्यक्ष सुरेश राम, सदस्य रामस्वरूप, मणिकांत, नवनीत, अखिलेश (PRS), करुणा करण (मिडीया सचिव), अनू कुमारी, मनीष कुमार (कीर्तन प्रभारी), बैजनाथ साव, बुधनाथ, शिवपुजन प्रसाद, शिवप्रसाद, प्रयाग जी, प्रणव कोल, लालजी उपस्थित थे.
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