Jamshedpur (Anand Mishra) : प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी जमशेदपुर के बर्माइंस स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला में हिंदी सप्ताह समारोह-2023 का आयोजन 1 से 8 सितम्बर तक किया गया. इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों, नाटक एवं प्रतियोगिताओं आयोजन किया गया. शुक्रवार को समापन के अवसर पर पुरस्कार वितरण एवं बूढ़ा बच्चा नाटक का मंचन किया गया. इस अवसर पर सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला के वरिष्ठ मुख्य वैज्ञानिक डॉ संदीप घोष चौधुरी ने कहा कि हिंदी संसार की सबसे सरल भाषा है. क्योंकि यह जैसी बोली जाती है, वैसी ही लिखी जाती है. देश की स्वतंत्रता के बाद हिंदी को भारत की राजभाषा होने का गौरव प्राप्त हुआ. हिंदी आदिकाल से ही अपनी आन्तरिक ऊर्जा से सरलता, सहजता, बोधगम्यता और समन्वय की भावना से निरंतर प्रगति करती रही है.
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उन्होंने कहा कि राजभाषा हिंदी ने कभी भी अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने की पहल नहीं की, अपितु सभी को लेकर चलना ही इसकी संस्कृति की विशिष्टता है. उन्होंने सभी से पूरी गरिमा और गौरव बोध से भरकर हिंदी में ज्यादा से ज्यादा कार्य करने का निवेदन किया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय की हिंदी विभाग प्रमुख पुष्पा ने कहा कि हिंदी पूरे विश्व में बोली और समझी जाती है. एक अरब से ज्यादा लोग हिंदी से पूरी तरह परिचित हैं. यह खुशी की बात है कि एनएमएल जैसी वैज्ञानिक प्रयोगशाला में भी शोध पत्रों का प्रकाशन हिंदी में होता है. हिंदी सरल, सहज तथा पूरे देश को जोड़ने वाली भाषा है.
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प्रयोगशाला के वरिष्ठ हिंदी अधिकारी (चयन ग्रेड) डॉ पुरुषोत्तम कुमार ने भारत सरकार की राजभाषा नीति पर प्रकाश डाला और भारत सरकार के राजभाषा के संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी दी. धन्यवाद ज्ञापन प्रयोगशाला के प्रशासनिक अधिकारी आदित्य मैनाक ने किया. हिन्दी सप्ताह समारोह के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफल प्रतिभागियों को नकद पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया.