Ranchi: सरला बिरला विश्वविद्यालय के सभागार में स्वावलंबी भारत अभियान के द्वारा उद्यमिता, स्वालंबन और आत्मनिर्भर भारत विषय पर युवा संवाद का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य वक्ता के रूप में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संगठक सतीश कुमार ने अपना विस्तृत व प्रेरक व्याख्यान देते हुए छात्रों को उद्यमिता एवं आत्मनिर्भरता के विभिन्न पहलुओं से न केवल परिचित कराया बल्कि अपनी संवाद के माध्यम से उन्होंने भविष्य में छात्रों को एक सफल उद्यमी एवं आत्मनिर्भर बनने की संकल्प भी दिलाई.
रोजगार के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में चाहे वह प्राइवेट हो या गवर्नमेंट केवल 10 प्रतिशत लोगों को ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकते हैं. उन्होंने उद्यमिता के क्षेत्र में विश्व के विभिन्न नामचिन उद्यमियों के जीवनी व उनके द्वारा लिए गए विवेकपूर्ण निर्णय का उदाहरण देते हुए उद्यमिता, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने के कई महत्वपूर्ण गुर सिखाया. उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से अध्ययन के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त आय के कार्य करने की बात करते हुए जो कुछ छात्र इस प्रकार के गतिविधियों में शामिल हैं, उन्हें मंच पर आमंत्रित कर न केवल उनके हौसले को बढ़ाया बल्कि उन्हें सम्मानित भी किया.
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उन्होंने कहा कि जॉब्स आर लिमिटेड बट एम्प्लॉयमेंट इस अनलिमिटेड. छात्रों को थिंक बिग ,थिंक न्यू एंड थिंक आउट ऑफ बॉक्स के कांसेप्ट को क्लियर करते हुए स्वयं के स्वावलंबन के साथ-साथ समाज, राष्ट्र और देश के आत्मनिर्भरता के लिए उद्यमिता के मार्ग को अपनाने तथा मिशन फर्स्ट एवं स्वदेशी मस्त के विचार के साथ केवल रोजगारग्राही न बनने बल्कि रोजगार प्रदाता बनने की प्रेरणा प्रदान की. उन्होंने “गांव शहर की एक ही पुकार- उद्यमिता और स्वरोजगार” के नारे को बुलंद किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत आईएएस सह पलामू के पूर्व कमिश्नर जटाशंकर चौधरी ने आत्मनिर्भरता का अर्थ एवं महत्व के बारे में अपना व्याख्यान दिया.
उन्होंने व्हाइट कॉलर जॉब माइंडसेट से बाहर निकलकर प्रारंभिक स्थिति से ही अर्निंग के साथ-साथ लर्निंग कांसेप्ट को विकसित करने की प्रेरणा प्रदान की. उन्होंने कहा कि सभी में कुछ न कुछ विशिष्ट प्रतिभा होती है जिसे पहचान कर उसे दिशा में आगे बढ़ने से ही स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बन सकते हैं.
बतौर विशिष्ट अतिथि नाबार्ड, रांची के मुख्य महाप्रबंधक सुनील जहागीरदार ने नाबार्ड द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की विस्तृत चर्चा करते हुए एग्रीकल्चर सेक्टर के डेवलपमेंट सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर निर्माण किए जाने की बात की. उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व का पांचवीं इकोनामी वाला देश है. यदि गवर्नमेंट के विभिन्न स्कीम का लाभ लेकर युवा जॉब सीकर की जगह पर जॉब गिवर बनने की राह पर आगे बढ़े तो भारत 2027 में ही 5 बिलियन इकोनामी वाला देश बन जाएगा. उन्होंने कई प्रेरक घटनाओं एवं कहानियां का वर्णन करते हुए स्वावलंबी बनने की प्रेरणा प्रदान दी.
स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्र संगठक अजय कुमार युवा संवाद की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि आज हमारा भारत, नया भारत, उभरता भारत और निखरता भारत सतत सभी दिशाओं में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने स्किल को रोजगार के साथ जोड़ने की बात कही. उन्होंने छात्रों से स्टार्टअप की ओर बढ़ने और रोजगार के नई संभावनाओं को तलाश करने की अपील की. उन्होंने उन्होंने उद्यमिता, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के कार्यक्रमों द्वारा एग्रीकल्चर सेक्टर के जीडीपी को 20 प्रतिशत से 45 प्रतिशत करने की बात की.
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युवा संवाद कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत उद्बोधन एवं विषय प्रवेश कराते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफ़ेसर विजय कुमार सिंह ने कहा कि आज भारत का नौजवान आत्मनिर्भरता के मार्ग पर अग्रसर हो चला है. उन्होंने कहा कि नौजवान ही परिवर्तन के प्रतीक होते हैं. उन्होंने कहा कि भारत का युवा अब उद्यमिता के मार्ग पर चलकर खुद स्वावलंबी बन भारत को भी आत्मनिर्भर बनाने में अपनी प्रतिभा और क्षमता का सदुपयोग कर सकेंगे. कार्यक्रम का संचालन डॉ आरोही आनंद ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन की औपचारिकता विकास कुमार के द्वारा पूरी की गई.
उक्त युवा संवाद कार्यक्रम में विवि के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ प्रदीप वर्मा, स्वदेशी जागरण मंच के संघर्ष वाहिनी प्रमुख बंदे शंकर, स्वदेशी मेला प्रमुख सचिंद्र कुमार बरियार, स्वावलंबी भारत अभियान के क्षेत्र समन्वयक बिंदेश्वरी, क्षेत्र संयोजक अमरेंद्र सिंह, प्रांत संयोजक राजेश उपाध्याय, जिला समन्वयक अंचल तिवारी सहित स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलंबी भारत अभियान के पदाधिकारी गण, सरला बिरला विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, सह संकायाध्यक्ष, प्राध्यापक गण, एनएसएस वॉलेंटियर एवं काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.