Chakulia (Dharish Chandra Singh) : चाकुलिया के पुराना बाजार स्थित धर्मशाला में रविवार को होलोङ पाथाम कुमुट के तत्वावधान में एक दिवसीय सान्ताड़ी सांवरे पाथाम होलोङ गाडा हेलमेल सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि शोभनाथ बेसरा शामिल हुए. उन्होंने कहा कि अर्धवार्षिक प्रकाशित संताली पत्रिका होलोङ गाडा का संताली साहित्य के विकास में अहम योगदान है. इस पत्रिका के माध्यम से पाठकों में नई-नई सोच और विचारों को उजागर करने का काम किया जा रहा है. इस पत्रिका के माध्यम से नए-नए लेखक साहित्य सृजन में अग्रसर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह पत्रिका समाज में आईना के रूप में काम कर रही है. इसे आगे ले जाने के लिए समाज के सभी लोगों के योगदान की जरूरत है.
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पीएचडी के विद्यार्थियों के रिसर्च भी किये जाते हैं प्रकाशित
संताली पत्रिका होलोङ गाडा के प्रधान संपादक मोहन चन्द्र बास्के ने कहा कि यह पत्रिका आरएनआई और आईएसएसएन निबंधित संताली पत्रिका है. इस पत्रिका में पीएचडी रिसर्च स्कॉलर विद्यार्थियों के लेख भी प्रकाशित किये जाते हैं. इस पत्रिका के माध्यम से संताली लेखक अपनी लेखन सामग्री प्रकाशन हेतु भेजते हैं. सम्मेलन में उपस्थित वक्ताओं ने साहित्य के अलग-अलग आयाम पर विस्तार से बताया. इस सम्मेलन में कहानी कविता आदि पर भी विस्तृत रूप से जानकारियां प्रदान की गई. सम्मेलन में सुनील कुमार मुर्मू, सलीम चंद्र सोरेन, रविचंद्र मांडी, प्रो अंजलि दलाई, बिकल बेसरा, दिनेश कुमार मांडी, खेलाराम मुर्मू आदि ने अपनी स्वरचित कहानी और कविता प्रस्तुत की.
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सम्मेलन में ये लोग हुए शामिल
सम्मेलन में भुजंग टुडू, मानिक हांसदा, पीतांबर मांझी, आदित्य मांडी, प्रो श्याम टुडू, सुभाष चंद्र मांडी, शंकर सोरेन, जोबा मुर्मू, श्रीनाथ मुर्मू, रजनी कांत मांडी, शोभा हांसदा, सुशीला हांसदा, मोहन चंद्र बास्के, पीतांबर हांसदा, सोनोत टुडू, बदेन मुर्मू, सालखु मुर्मू, डमन चंद्र हांसदा, सुधीर चंद्र मुर्मू, पृथ्वी नाथ हांसदा, पीरू मांडी समेत अनेक लोग उपस्थित थे.