Kiriburu (Shailesh Singh) : सेल की झारखंड खान समूह की किरीबुरु, मेघाहातुबुरु, गुवा एवं चिड़िया खदान के लिये बीते दिनों आयोजित बहाली में उक्त खदानों से प्रभावित सारंडा के शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिली थी. इससे सारंडा के ग्रामीण एवं मानकी-मुंडा नाराज हैं. इसके विरोध में वे लोग 19 सितम्बर से सेल की किरीबुरु एवं मेघाहातुबुरु खदान से लौह अयस्क की ढुलाई ठप करेंगे. ग्रामीण अनिश्चित काल के लिए आर्थिक नाकेबंदी करेंगे. साथ ही कुमडीह पंप हाउस से पानी आपूर्ति भी ठप करेंगे. उक्त जानकारी मानकी-मुंडाओं ने दी है. आर्थिक नाकेबंदी करने से संबंधित एक पत्र उपायुक्त को भी मानकी-मुंडाओं ने दिया है.
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मानकी-मुंडाओं ने बताया कि सेल की उक्त चारों खदानों के लिये निकाली गई बहाली में सारंडा के 26 शिक्षित बेरोजगार शामिल हुये थे, लेकिन एक का भी चयन नहीं किया गया. सेल प्रबंधन उक्त खदानों के माध्यम से मिट्टी, मुरुम व लाल पानी निरंतर छोड़कर सारंडा की प्राकृतिक नदी-नाला को प्रदूषित व लाल कर रही है. जंगल व पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है. तमाम ग्रामीणों के खेतों को बंजर कर रही है. लाल पानी पीकर ग्रामीण बीमार हो रहे हैं. जब नौकरी देने की बात होती है तो प्रभावित गांवों के बेरोजगारों की अनदेखी कर बाहरी को रोजगार व नौकरी देती है. ऐसे में कोई क्यों चाहेगा कि उसके क्षेत्र में प्रदूषण फैलाकर खदान या उद्योग खुले.
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मानकी-मुंडाओं ने कहा कि इसी मामले को लेकर 29 अगस्त को आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान किया गया था. लेकिन जगन्नाथपुर एसडीओ शंकर एक्का ने 28 अगस्त को प्रबंधन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता करायी. वार्ता बेनतीजा होने के बाद उन्होंने उपायुक्त के साथ वार्ता कराने की बात कही थी. जिस कारण आंदोलन को आगे के लिये टाल दिया गया था. लेकिन अब वह उपायुक्त के साथ भी वार्ता नहीं करा कर हमें अंधेरे में रखे हुये हैं. इससे नाराज होकर हमलोगों ने 19 सितम्बर से अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि बहाली प्रक्रिया अगर रद्द नहीं होती है तो हमारा आंदोलन हर हाल में होगा.
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