Ranchi: कोरोना वायरस पूरे देश में महामारी बन कर सामने आया. कोरोना की दूसरी लहर में झारखंड के सैकड़ों लोग असमय काल के गाल में समा गये. हालात ऐसी थी कि अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन की किल्लत होने लगी थी. हालांकि सरकार ने इस महामारी को चुनौती के रूप में लेते हुए व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया. जिसका परिणाम है कि अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आयी है. लेकिन कोरोना को मात देकर ठीक हुए लोगों को अभी भी परेशानी हो रही है.
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बता दें कि कोरोना फेफड़े को प्रभावित करता है. संक्रमित व्यक्ति का फेफड़ा सिकुड़ जाने के कारण सांस लेने में समस्या आ रही है. वैसे लोगों को चिकित्सक फेफड़े से संबंधित एक्सरसाइज करने की सलाह दे रहे हैं. इस एक्सरसाइज को करने में रेस्पिरो मीटर कारगर साबित हो रहा है. यह एक खिलौने की तरह है. जिससे कोविड से ठीक हुए मरीज अपने मुंह में लगा कर एक्सरसाइज कर सकते हैं.
रेस्पिरो मीटर से मरीजों को लाभ
रेस्पिरो मीटर की बाजर में कीमत साढ़े तीन सौ रुपए तक है. लेकिन सदर अस्पताल में FJCCI द्वारा दिए गए रेस्पिरो मीटर पोस्ट कोविड के मरीजों को फ्री दिया जा रहा है. सदर अस्पताल के चिकित्सक और पोस्ट कोविड के इंचार्ज डॉ अजीत कुमार ने कहा कि पोस्ट कोविड के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है. कोविड से ठीक हुए लोगों के फेफड़े की क्षमता कम हो जाती है. सूजन की वजह से फेफड़ा सिकुड़ जाता है.
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कहा कि फेफड़ों को खोलने के लिए रेस्पिरो मीटर से सांस संबंधी एक्सरसाइज करवाया जाता है. मुंह में इस मीटर के पाइप को लगा कर सांस अंदर की तरफ खींचा जाता है. ठीक इसके विपरीत हवा को बाहर तरफ निकालते हुए इसके अंदर की गेंद को हवा में रखने से फेफड़े का सिकुड़न कम होता जाता है. इस एक्सरसाइज से मरीजों का फेफड़ा ठीक होगा. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि कोरोना से ठीक हुए मरीज डॉक्टर के संपर्क में रहें. इससे उन्हें फायदा होगा.
कोविड से ठीक हुए मरीजों में खून का थक्का जमने का खतरा
पोस्ट कोविड के इंचार्ज डॉ अजीत ने कहा कि कोविड से ठीक हुए मरीजों में खून का थक्का जमने के कारण हार्ट अटैक की समस्या हो रही है. घर जाने के बाद भी कोरोना से ठीक हुए मरीजों की मौत हुई है. वैसे लोग जिन्हें हार्ट से संबंधित बीमारी है, उन्हें खून पतला करने की दवा लेते रहने की जरूरत है, ताकि हार्ट अटैक से बचा जा सके.
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