Ranchi : झारखंड प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ के तत्वावधान में सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) आज रांची के हरमू स्थित जेएमएम कार्यालय के बाहर एक दिवसीय धरना दे रहे हैं. इस दौरान पारा शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी की. उनकी मांग है कि सीएम हेमंत सोरेन ने जो वेतनमान देने का वादा किया था, वह पूरा करें. जानकारी के अनुसार, पारा शिक्षक कार्यालय के अंदर धरना देने वाले थे. लेकिन जब वे अंदर वार्ता के लिए गये तो उन्हें बाहर निकाल दिया गया. जिसके बाद पारा शिक्षक कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गये. इससे पहले पारा शिक्षक 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर कांग्रेस कार्यालय में भूख हड़ताल पर बैठे थे.
बिना इजाजत कार्यालय में जाना उचित नहीं-विनोद पांडे
लगातार डॉट इन के संवाददाता ने इस मामले में जेएमएम नेता और समन्वय समिति के सदस्य विनोद पांडे से बात की, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. विनोद पांडे ने कहा कि अगर बिना इजाजत किसी के कार्यालय में कोई समूह में जाता है तो पुलिस बाहर जाने के लिए कहेगी ही. आगे कहा कि पांच पारा शिक्षकों को वार्ता के लिए बुलाया गया था. लेकिन वह नहीं आये. आगे कहा कि किसी पार्टी कार्यालय के सामने नारेबाजी और धरना देना कहीं से भी उचित नहीं है.
आज तक पारा शिक्षकों की समस्या का नहीं हुआ समाधान
बता दें कि झारखंड में लगभग 62000 शिक्षक कार्यरत हैं. पारा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आये दिन धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करते हैं. लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ. पूर्व शिक्षा मंत्री स्वर्गीय जगन्नाथ महतो ने 2021 में नियमावली बना कर पारा शिक्षक का नाम बदलकर सहायक अध्यापक किया था. जगन्नाथ महतो ने मानदेय वृद्धि, वेतनमान के समतुल्य मानदेय भविष्य निधि समेत अन्य सुविधाएं देने का वादा किया था. लेकिन नियमावली लागू होने के 21 माह बाद भी इस पर कोई पहल नहीं किया गया. शिक्षकों का कहना है कि सरकार पारा शिक्षकों के साथ छलावा कर रही है. इस वक्त शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास है.