जन भागीदारी जीरो
दावा जन भागीदारी का, पर दावत अफसरों को
कमांड एरिया की जनता से बनायी दूरी, जनप्रतिनिधियों को भी पूछा तक नहीं
– बनहरदी कोल परियोजना में चल रहा एनटीपीसी का कोयला खनन का काम
– रेजिंग डे उत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम व दावत का सपरिवार अधिकारियों ने लुत्फ उठाया
Sunil Kumar
Latehar: जनता की भागीदारी से उत्पादन का दावा करने वाली एनटीपीसी की कथनी और करनी में अंतर दिख रहा है. मालूम हो कि एनटीपीसी, पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) और जेबीवीएनएल की ज्वाइंट वेंचर की होल्डिंग कंपनी है, जो जिले की बनहरदी कोयला खनन परियोजना में काम कर रही है. पिछले दो वर्षों से कंपनी द्वारा कोयला उत्खनन के लिए सर्वे और अन्य कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है. पिछले 12 अक्टूबर को एनटीपीसी ने बंद कैंपस में अपने स्थापना दिवस पर नौवें रेजिंग डे उत्सव का आयोजन किया. आयोजन तो बड़े पैमाने पर हुआ, पर इसने न तो कोल ब्लॉक के कमांड एरिया की किसी जनता को पूछा गया और न ही उनके जनप्रतिनिधियों को ही. एक ओर एनटीपीसी ने जनता से दूरी बनाए रखी, तो दूसरी ओर उनके जनप्रतिनिधियों को भी दरकिनार ही कर दिया. जब कोल ब्लॉक कमांड एरिया के लोगों को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने कंपनी कर्मियों से पूछना शुरू किया कि आप जनभागीदारी की कंपनी होने का दावा कर रहे हैं, लाखों रुपए खर्च कर बड़े स्तर पर उत्सव भी मनाया, लेकिन जनता की भागीदारी शून्य रही. इस कार्यक्रम की चर्चा जिले में जोरों पर है.
रात के अंधेरे में जनसुनवाई की खानापूर्ति हुई थी
शुभम संदेश को जनता की शून्य भागीदारी की जानकारी मिली, तो शुभम संदेश टीम ने इसकी गहन पड़ताल की, तो चौंकानेवाले तथ्य सामने आए. जेबीवीएनएल और पीवीयूएनएल की ज्वाइंट वेंचर वाली इस कंपनी का कमांड एरिया में सिर्फ कतिपय लोगों को छोड़ कर आम जनता के साथ इनका किसी भी तरह का कोई समन्वय नहीं है. वैसे भी पहली जनसुनवाई सासंग उच्च विद्यालय के बंद कैंपस में हुई थी. उस जनसुनवाई में भी जनता की भागीदारी शून्य थी. रात के अंधेरे में करीब 9 बजे स्थानीय विधायक बैद्यनाथ राम एवं तत्कालीन डीसी अबु इमरान को कंपनी कर्मियों ने आमंत्रित किया और जनसुनवाई की प्रक्रिया पूरी कर ली. बिना जनता के जनसुनवाई का मामला भी काफी चर्चा में रहा था. अब रेजिंग डे को लेकर काफी चर्चा है. बताया जाता है कि रेजिंग डे सेलिब्रेशन भी सर्किट हाउस के बंद कैंपस में किया गया. सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया, ताकि जनता शामिल नहीं हो सके. रेजिंग डे के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन तो हुआ ही, लजीज व्यंजन की भी व्यवस्था करायी गयी थी. लाखों खर्च किये गये. मगर जिस जनता की भागीदारी का दावा किया जाता है, उस जनता को एक टॉफी तक नहीं मिली.
जनता के लिए नहीं, अफसरों के लिए था कार्यक्रम : जीएम
एनटीपीसी के जीएम आरबी सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम जनता के लिए नहीं, बल्कि जिले के अफसरों के लिए था. इसमें सिर्फ जिले के अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था. जनता के लिए अलग से कार्यक्रम किया जाएगा. आगे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विस्तृत जानकारी के लिए हमारे पीआरओ हैं, वही विशेष बता सकते हैं. कहा कि हमलोगों ने रेजिंग डे मनाया है, लेकिन यह एक कैंपस प्रोग्राम था. सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम था. जब पूछा गया कि लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम में जनता को क्यों नहीं शामिल किया गया, तो उन्होंने इस पर कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.