Shailesh Singh
Kiriburu : भारतीय मजदूर संघ की झारखंड प्रदेश इकाई विभिन्न मांगों को लेकर आगामी 3 नवंबर को राजभवन के सामने एक दिवसीय आंदोलन व धरना-प्रदर्शन करेगी. उक्त जानकारी बीएमएस के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण सिंह ने दी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर अपनी मांगों को रखा है. भारतीय मजदूर संघ ने झारखंड प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को लेकर संबंधित विभागों से समस्याओं को सुलझाने का आग्रह किया गया था. लेकिन सरकार व विभाग ने कोई सकारात्मक पहल नहीं की, जो चिंतनीय है. प्रदेश में श्रम कानूनों के प्रतिपलान कराने में झारखंड सरकार का श्रम विभाग विफल रहा है. (पढ़ें, रांची: सुखदेवनगर थाना पुलिसकर्मियों को दिलायी गयी बाल विवाह मुक्त अभियान शपथ)
बीएमएस की ये हैं मांगें
– झारखंड सरकार के विभिन्न बोर्डों में उचित भागीदारी.
– झारखंड राज्य स्तरीय त्रिपक्षीय श्रम परामर्श समिति का गठन.
– झारखंड प्रदेश में यूनियनों के निबंधन प्रक्रिया को पारदर्शी एवं समयबद्ध किया जाये.
– आंगनबाड़ी कर्मचारी को राज्य कर्मचारी घोषित करें. घोषित होने तक समय पर वेतन एवं अन्य भुगतान सामाजिक सुरक्षा, आजीविका वेतन, चिकित्सा सेवा, अवकाश प्राप्ति पर ग्रेज्युटी, अवकाश, महंगाई भत्ता का भुगतान सुनिश्चित हो.
– एनएचएम/ जेएसएसीएस में अनुबंध पर कार्यरत सभी कर्मचारियों को स्थायी किया जाये और 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों के वेतन विषमताओं को दूर करने व सामाजिक सुरक्षा को लागू किया जाये.
– स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी भूमिका निभाने वाली सहिया, सहिया साथी, बीटीटी, एसटीटी को राज्य कर्मचारी घोषित करें. घोषित होने तक समय पर कैडर के समतुल्य वेतन एवं अन्य भुगतान, सामाजिक सुरक्षा, आजीविका वेतन, चिकित्सा सेवा, अवकाश प्राप्ति पर ग्रेज्युटी, अवकाश, महंगाई भत्ता सुनिश्चित हो.
– झारखंड प्रदेश के सभी विभागों ( स्वास्थ्य, नगर निगम, नगर पालिका, विधुत, वितरण एवं संपोषण उद्यमों) में विभिन्न पदों पर कार्यरत संविदा श्रमिकों के लिए बायोमीट्रिक उपस्थिति, कार्य व ससमय वेतन भुगतान, कर्मचारी भविष्यनिधि, कर्मचारी राज्य बीमा का लाभ सुनिश्चित हो. साथ ही कार्यरत श्रमिकों को बिचौलिया से मुक्त किया जाये.
– बीओसी में श्रमिक कार्ड बनाने की पद्धति को सरल एवं पारदर्शी बनाया जाये.
झारखंड राज्य सहकारी बैंक में कार्यरत कर्मचारियों के लिए वेतन समझौते एवं स्थानांतरण की नीति बनायी जाये.
– श्रम विभाग के आयुक्त, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, कारखाना निरीक्षक, लिपिक वर्गीय रिक्त पड़े पदों को अविलंब भरा जाये.
– गिग वर्कर के लिए स-वैतनिक छुट्टी, घंटों के हिसाब से वेतन, मोटर वाहन चालक, रिक्शा चालक, फेरीवाले, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए व्यवसायिक रोग से सुरक्षा एवं बीमा की नीति बने.
– झारखंड राज्य के कामकाजी पत्रकारों के लिए त्रिपक्षीय कल्याण बोर्ड का गठन हो.
– झारखंड प्रदेश में कार्यरत मोटिया मजदूरों के लिए कल्याण बोर्ड का गठन किया जाये.
– झारखंड में प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन होना चाहिए. साथ ही केंद्र श्रम संगठन के नाते बोर्ड में उचित प्रतिनिधित्व होना चाहिए.
दूसरी खबर
वन अधिकार समिति दुईया का गठन
Kiriburu : सारंडा के दुईया गांव में मुंडा जानुम सिंह चेरोवा की अध्यक्षता में ग्राम सभा कर सर्वसम्मति से वन अधिकार समिति का गठन किय गया. इस दौरान मुखिया राजू सांडिल और वन विभाग के पदाधिकारी भी उपस्थिति रहे. वन अधिकार समिति का अध्यक्ष देवेंद्र अंगारिया और सचिव तुलसी गोप को बनाया गया. इसके अलावा सदस्य के रूप में नीलमणी सांडिल, लक्ष्मी चेरोवा, लक्ष्मी सांडिल, गुरुवारी हुरद, सुनीता गोप, राधिका पूर्ति, सुखराम सांडिल, जानुम सिंह चेरोवा, रोया सिरका, मुंजीराम जोंको, गोमा चेरोवा, राउतु सुंडी और उमेश सांडिल को चुना गया.
2005 से पहले वन भूमि पर खेती करने वालों की सूची तैयार करने का निर्देश
ग्राम सभा ने वन अधिकार समिति को निर्देश दिया है कि 13 दिसंबर 2005 के पहले वन भूमि पर खेती करने वालों की सूची तैयार करें और उन्हें अविलंब दावा प्रपत्र निःशुल्क उपलब्ध करायें. साथ ही वन अधिकार समिति को सामुदायिक अधिकार व वन संसाधनों पर अधिकार के लिए दस्तावेज जुटाने का निर्देश दिया है. सभी दावेदारों को निर्देश दिया कि 90 दिनों के अंदर दावा प्रपत्र भरकर जरूरी दस्तावेजों के साथ वन अधिकार समिति के अध्यक्ष व सचिव के पास जमा करें.
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