New Delhi : कांग्रेस ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) को अडानी समूह के मामले में दृढ़ता के साथ अपना कर्तव्य निभाना चाहिए. समय पर जांच पूरी करनी चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बार फिर यह कहा कि इस मामले की सच्चाई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच से ही सामने आ सकती है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
हाल ही में, संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) को इस बात के पक्के सबूत मिले कि अडानी के सहयोगी विदेशी टैक्स हेवन में अपारदर्शी शेल कंपनियों को कंट्रोल कर रहे थे। इन सभी की अडानी ग्रुप की कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी थी। ये सब SEBI के नियमों का खुलेआम उल्लंघन… https://t.co/y8y7HYXgMf
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 19, 2023
कांग्रेस लगातार इस कारोबारी समूह पर हमलावर है
अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के खिलाफ अनियमितताओं और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाये जाने के बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर निरंतर हमले कर रही है और आरोपों की जेपीसी से जांच कराये जाने की मांग कर रही है. अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाये गये सभी आरोपों से इनकार किया है. उसका कहना है कि उसकी ओर से कोई गलत काम नहीं किया गया है.
अडानी के सहयोगी विदेशी टैक्स हेवन में मुखौटा कंपनियों को नियंत्रित कर रहे थे
रमेश ने मीडिया में आयी खबर का हवाला देते हुए गुरुवार को एक्स पर पोस्ट किया, ‘हाल में संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) को इस बात के पक्के सबूत मिले कि अडानी के सहयोगी विदेशी टैक्स हेवन में मुखौटा कंपनियों को नियंत्रित कर रहे थे. इन सभी की अडानी समूह की कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी थी. उन्होंने दावा किया, ‘ये सब सेबी के नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए किया गया था.
फाइनेंशियल टाइम्स और गार्डियन ने इस खबर को विस्तार से कवर किया
फाइनेंशियल टाइम्स और गार्डियन (ब्रिटिश समाचार पत्र) जैसे विश्व के प्रमुख समाचार पत्रों ने इस खबर को विस्तार से कवर किया है. रमेश ने कहा, हम सेबी से आग्रह करते हैं कि वह दृढ़ता से अपना कर्तव्य निभाये और समय पर अपनी जांच पूरी करे. उन्होंने कहा, हम फिर से यह दोहराते हैं कि केवल जेपीसी ही बड़े पैमाने पर हुए अडानी महाघोटाले की जांच कर सकती है, जिसमें प्रधानमंत्री और उनके मित्र गौतम अडानी के बीच – वित्तीय या चाहे जिस तरह के भी हों, करीबी और स्थायी संबंध शामिल हैं.