…और मंत्री जी ने 30 मिनट में ही सुन ली 30 लोगों की फरियाद, 12.50 बजे आए, 1.20 बजे निकल लिए
Pravin Kumar/Kaushal
Ranchi : कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर झारखंड में झामुमो के साथ सरकार में शामिल कांग्रेसी मंत्रियों को जनसुनवाई कर लोगों की समस्याएं दूर करने को कहा गया है. इसका मकसद आम लोगों के बीच पार्टी का जनाधार बढ़ाना है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बारी-बारी से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सहित अलग-अलग जिलों में कांग्रेसी मंत्रियों की जनसुनवाई कार्यक्रम के आयोजन का दावा किया जा रहा है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. जनसुनवाई की सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के जनसुनवाई कार्यक्रम से लगा कि सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही है.
एक घंटा 20 मिनट लेट से पहुंचे आलमगीर आलम
कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार को जनता की समस्याएं सुनने व दूर करने के लिए जनसुनवाई का आयोजन दिन के 11 बजे से किया गया था. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कांग्रेस भवन में कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को लोगों की समस्याओं को सुननी थी… लेकिन मंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम एक घंटा 20 मिनट लेट से प्रदेश कांग्रेस भवन पहुंचे. बताया कि कोई फरियादी ही नहीं आया था, इसलिए मंत्री जी को बता दिया गया था कि थोड़ा लेटे से निकलिएगा. कांग्रेस कार्यालय में मौजूद कार्यकर्ता और नेता चर्चा कर रहे थे कि जब फरियादी ही नहीं आएंगे, तो मंत्री किसकी बात सुनेंगे. इसी बीच कांग्रेस के एक नेता आलमगीर आलम के यहां फोन पर सूचना दी कि अभी कोई फरियादी नहीं पहुंचा है. मंत्री जी को लेट से आने कहिए. 11:30 में शुरू होने वाली जनसुवाई मंत्री जी के एक घंटा 20 मिनट लेट से पहुंचने के बाद 12:50 में शुरु हुई.
लेट से शुरू जनसुनवाई में मंत्री ने सुनीं सुपरफास्ट समस्याएं
जनसुनवाई में देर से पहुंचे मंत्री आलमगीर आलम लगभग 25 मिनट प्रदेश कार्यालय में रहे. 25 मिनट में ही 30 लोगों की फरियाद सुन ली. मीडिया से भी बात कर ली. इनमें आधा से ज्यादा मामले जमीन कब्जा और जमीन विवाद को लेकर था. उतने ही समय में मीडिया से भी बात की और फरियादियों की फरियाद पर निर्देश दे चलते बने. लोगों ने मुख्य रूप से सड़क निर्माण, जमीन कब्जा, हैंड पंप, भूमि अधिग्रहण मुआवजा, प्रधानमंत्री आवास योजना, ट्रांसफॉर्मर लगवाने की गुहार लगाई.
जनसुनवाई से कांग्रेसी मंत्रियों की खुल रही पोल
उम्मीद लेकर आई थी, आश्वासन लेकर लौट रही हूं : गुलशन परवीन
जनसुनवाई में इरबा रांची से गुलशन परवीन भी फरियाद लेकर पहुंची थीं. वे शरीरिक रूप से दिव्यांग हैं. राशन कार्ड और व्हील चेयर की मांग के साथ कांग्रेस ऑफिस पहुंची थीं. कहती हैं कि राज्य सरकार की ओर से आपकी योजना-आपकी सरकार, आपके द्वार दो चरणों में चलाया गया. लेकिन इन दो चरणों के आभियान में राशन, पेंशन, आवास जैसे मामले को प्राथमिकता के तौर पर नहीं निपटाया गया. वे बड़ी उम्मीद लेकर आयी थीं, पर फिर आश्चवासन लेकर जारी रही हैं. अब तो आपकी योजना-आपकी सरकार, आपके द्वार का तीसरा चरण 15 नवंबर 2023 से शुरू होने वाला है.
प्रदेश कांग्रेस महासचिव सह प्रवक्ता का अलबत दावा
जनसुनवाई को लेकर प्रदेश कांग्रेस महासचिव सह प्रवक्ता और धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य राकेश सिन्हा ने विज्ञप्ति जारी कर जनसुनवाई का दावा किया है. जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि मंत्री आलमगीर आलम ने दिन के 11 बजे से 2 बजे तक राज्य के विभिन्न जिलों से आये लोगों की समस्याएं सुनीं और उसके निराकरण के लिए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया. लेकिन जब उनका ध्यान इस ओर दिलाया कि जब मंत्री आलमगीर आलम 12. 50 बजे कांग्रेस भवन के जनसुनवाई कक्ष में पहुंचे और 1.20 बजे निकल निकल गए, तो 11 बजे से 02 बजे तक राज्य की जनता की समस्याओं को कैसे सुन लिया, तो सिन्हा साहेब बंगले झांकने लगे. कहने लगे…अरे नहीं, अइसा है कि वइसा है.
आलाकमान के निर्देश पर सिर्फ खानापूर्ति
कांग्रेस आलाकमान ने जनता से जुड़ने के लिए कांग्रेस कोटा के मंत्रियों को जनसुनवाई करने का निर्देश दिया था. पूरे झारखंड में सप्ताह में एक बार मंत्री को जनसुनवाई कर लोगों की समस्याएं दूर करने को कहा गया था, लेकिन कांग्रेस के जिम्मेवार नेता और मंत्री जनसुनवाई की खानापूर्ति में जुटे हैं. कुछ पुराने कांग्रेसी कहते हैं कि जनता की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. जनता समय से पहुंचकर इंतजार करती रहती है और मंत्री देर से आकर जल्दी निकल जाते हैं. दफ्तर में कांग्रेसी आवेदन लेते हैं, रजिस्टर में दर्ज करते हैं, फिर संबंधित विभाग के अफसरों को भेज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं. समस्याएं दूर हुईं या नहीं, इससे किसी को कोई मतलब भी नहीं रहता है.
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