जेवर लूटकांड में गलत गिरफ्तारी व बेरहमी से पिटाई का मामला पहुंचा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
थाना प्रभारी का विवादों से चोली-दामन का रहा है नाता
Sandhya Aanchal
Koderma: जिले में दबंग थानेदार के रूप में चर्चित डोमचांच थाना प्रभारी अब्दुल्ला खान की मुश्किल अब नासूर होती दिख रही है. थाना प्रभारी एक बार फिर विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं. इस वर्ष के फरवरी माह में डोमचांच थाना क्षेत्र के समसिहरिया निवासी समीदा खातून के साथ बेरहमी से मारपीट एवं नाबालिग बच्ची का यौन उत्पीड़न के साथ आठ वर्ष के छोटे बच्चे का हाथ सिगरेट से जलाने का मामला सामने आया था. पीड़िता काफी दिन तक इलाजरत रही थी. वहीं, डोमचांच थाना प्रभारी द्वारा मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया गया. इसके बाद पीड़िता की तरफ से समाजसेवी कृष्णा सिंह ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक वाद दायर कराया था. आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की थी. समय पर रिपोर्ट नहीं भेजे जाने पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव व पुलिस महानिदेशक रांची को आयोग द्वारा समन जारी हुआ था. समन जारी होने के बाद पूर्व पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना प्रभारी के बचाव में रिपोर्ट भेजा गया था. उक्त रिपोर्ट की प्रति के साथ कृष्ण सिंह के द्वारा पुनः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में अपील दायर की गई थी.
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पूर्व में भी डोमचांच पुलिस की कार्यशैली पर उठे हैं सवाल
उक्त अपील को ध्यान में रखते हुए मानव अधिकार आयोग ने यह माना कि पुलिस अपना बचाव के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत की है एवं नाबालिग बच्ची और बच्चे के साथ हुए उत्पीड़न मामले में कोई पक्ष नहीं लिखा गया है. इस पर आयोग ने कोडरमा पुलिस अधीक्षक से पुनः रिपोर्ट मांगा है. इधर समीदा खातून का मामला मानवाधिकार आयोग में खत्म भी नहीं हुआ था, वहीं दूसरी तरफ डोमचांच निवासी सूरज यादव द्वारा डोमचांच थाना प्रभारी अब्दुल्ला खान के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज कराया गया है और बताया गया है कि अब्दुल्ला खान द्वारा सूरज कुमार यादव को उसके घर से अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया एवं मारपीट की गई है. यह मामला जेवर लूटकांड से जुड़ा था. एक ही नाम होने पर संदेह के आधार पर अभियुक्त की जगह सूरज को पुलिस की मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा था. हालांकि, बाद में अपनी गलती पर खुद को घिरता देख डोमचांच थाना प्रभारी अब्दुल्ला खान ने सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर युवक को छोड़ दिया था.
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