Uttrakhand : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से 41 मजदूर अंदर फंस गये थे. करीब 10 दिन से मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. करीब 240 घंटे बाद मंगलावर को रेस्क्यू टीम को बड़ी सफलता मिली है. एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंच गया है. इसी बीच सुरंग के अंदर से सभी मजदूरों की पहली तस्वीर और वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में श्रमिक सुरंग में एक साथ खड़े और एक-दूसरे से बात करते दिखाई दे रहे हैं. वॉकी-टॉकी के माध्यम से अधिकारियों ने मजदूरों से बातकर हालचाल जानने की कोशिश भी की. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिल्क्यारा उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों की पहली बार तस्वीर प्राप्त हुई है. सभी श्रमिक भाई पूरी तरह सुरक्षित हैं, हम उन्हें शीघ्र सकुशल बाहर निकालने के लिए पूरी ताकत के साथ प्रयासरत हैं.
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड): एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा फंसे मजदूरों तक पहुंचा। बचावकर्मी वॉकी-टॉकी के माध्यम से फंसे हुए श्रमिकों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।
#UttarkashiTunnelRescue pic.twitter.com/PXmwtPtl4z
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 21, 2023
मजदूरों ने नौ दिनों के बाद खाया भरपेट खाना
बता दें कि करीब 9 दिन से मजदूरों को पाइप के जरिए मल्टी बिटामिन, मुरमुरा और सूखे मेवे भेजे जा रहे थे. 20 नवंबर की रात को पाइप के जरिए मजदूरों को खाना पहुंचाया गया. रिपोर्ट्स के अनुसार, मजदूरों के लिए 24 बोतल में भरकर खिचड़ी और दाल भेजी गयी थी. इसके अलावा संतरा, सेब और नींबू का जूस भी भेजा गया था. करीब 9 बाद मजदूरों ने भरपेट खाना खाया था. इतना ही नहीं पाइप के जरिए मजदूरों तक मोबाइल फोन और चार्जर भेजा गया है. रिपोर्ट्स की मानें तो आज मजदूरों को दलिया और अन्य खाद्य सामग्री भेजी जायेगी. रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 10वां दिन है और आज से वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू होगी.
12 नवंबर अहले सुबह ढह गया था निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा
गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह अचानक ढह गया था, जिससे उसमें काम कर रहे 40 मजदूर फंस गये थे. सुरंग का ढहने वाला हिस्सा सुरंग के मुहाने से करीब 200 मीटर दूर है. सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के अनुसार, सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं. बता दें कि सड़क परियोजना के तहत बन रही साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जायेगा.