Dhanbad : साइबर थाने का हाल बेहाल है. जनवरी से लेकर अबतक साइबर थाने में 45 केस दर्ज हुए है, जिसमें मात्र 16 मामलों का ही निष्पादन हुआ है. बाकी मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं. बता दें कि साइबर अपराधियों के द्वारा इस साल अब तक धनबाद के लोगों से 1.75 करोड़ रुपए की ठगी की गई है. साइबर ठगों के निशाने पर अधिकतर बुजुर्ग, व्यवसायी और शिक्षित वर्ग हैं. पुलिस का कहना है कि जागरुकता के बाद भी लोग अपने बैंक की गोपनीय जानकारी साइबर क्रिमिनल को साझा कर देते हैं. इस साल साइबर थाने में ऐसे 39 प्राथमिकी दर्ज हुई है जिनमें 2 लाख रुपए से अधिक की ठगी हुई है.
सबसे ज्यादा व्यवसायी, बुजुर्ग और छात्र बने निशाना
इस साल पॉलिटेक्निक रोड के व्यवसायी को पहले मैट्रिमोनियल साइट से शादी का झांसा देखकर विश्वास जीता और फिर धीरे-धीरे अकाउंट से 95 लाख रुपए उड़ा लिए. टुंडी के रहने वाले दो युवकों से मोबाइल टावर लगाने के नाम पर 22 लख रुपए ठग लिए. जिसकी जांच साइबर पुलिस कर रही है. आईआईटी और एक अन्य छात्र को यूट्यूब पर टास्क पूरा करने पर पैसा कमाने का झांसा देखकर साइबर अपराधियों ने 1 से 5 लाख तो दूसरे से 88 हजार रुपए ठगे. वहीं पार्सल कैंसिल होने का झांसा देकर एक व्यक्ति से 4.12 लख रुपए की ठगी कर ली गई. इस मामले का भी साइबर पुलिस जांच कर रही है. ऐसे 29 मामले हैं जिसकी जांच में पुलिस जुटी है.
29 केस का नहीं हुआ निष्पादन
साइबर थाना भी कर्मियों के न रहने का रोना रो रहा है. साइबर थाना के विभागीय सूत्रों का कहना है कि 45 में 16 केस का निष्पादन हुआ है. बाकी 29 केस पेंडिंग में हैं. कहा कि साइबर थाने में बैठने की व्यवस्था नहीं है. छापेमारी के लिए गाड़ी की सुविधा भी नहीं है. फोर्स की कमी के कारण भी काफी केस पेंडिंग रह गया है.
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