Ranchi: झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर राज्यभर के कोने-कोने से लिपिक, पंचायत सचिव, जनसेवक, राजस्व उप निरीक्षक स्वास्थ्य कर्मी, समाहरणालय कर्मी, चतुर्थ वर्गीय कुर्मी, आंगनबाड़ी सेविका-सहियका, पोषण सखी, स्वास्थ्य सहिया, सहिया साथी, एसटीटी, बीटीटी, जलसहिया, पशुपालन एई वर्कर, एमपीडब्लू कर्मी, एनएचएम कर्मी, अनुबंध, संविदा व मानदेय कर्मी मोरहाबादी मैदान पहुंचे. यहां से सभा के बाद सभी हजारों की संख्या में कर्मचारी राजभवन के लिए कूच कर गए. जहां उन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया. इसके बाद पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सीएम कार्यलय में मांग पत्र सौंपा. वहीं सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात का समय मांगा.
मौके पर संघ के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार सिंह ने कहा कि हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से था. हम लोगों ने अपनी एकजुटता सरकार को दिखाई है. अपनी मांगों को सरकार के प्रतिनिधि के समक्ष रख दिया है. अब सीएम हमारा फैसला करेंगे. सभा की अध्यक्षता करते हुए महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि हम कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट रहा है. सरकार शीघ्र समाधान की दिशा में कदम उठाए. प्रदर्शनकारियों में अशोक कुमार सिंह, संजूत सहाय, मनोवर आलम, वीरेंद्र पासवान सुशांत कुमार साहू, आईवी रानी खालखो, गायत्री देवी, बमशंकर शर्मा समेत राज्यभर के हजारों कर्मचारी मौजूद रहे.
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झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की मुख्य मांगे
-तृतीय वर्ग के सभी राज्य कर्मियों (लिपिक, पंचायत सचिव, राजस्व उप निरीक्षक व अन्य) का न्यूनतम ग्रेड पे 2400 रूपया किया जाये. चतुर्थ वर्ग के कर्मियों को तृतीय वर्ग के रिक्त कुल पदों के 50 प्रतिशत पदों पर प्रोन्नति दी जाये. जनसेवक (वीएलडब्लू) के ग्रेड पे में की गई कटौती को निरस्त करते हुए 2400 रूपये ग्रेड पे यथावत रखा जाये. समाहरणालय लिपिकों की तरह मुफ्फसिल के सभी संवर्ग के कर्मियों का प्रोन्नति, सेवाशर्त, नियमावली लागू की जाये.
-स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत सहिया, सहिया साथी, बीटीटी, एसटीटी, पारा मेडिकल कर्मियों, एएनएम कर्मियों, संवर्गीय नियमावली बनायी जाये व पद के अनुरूप वेतन, मानदेय में सम्मानजनक बढ़ोत्तरी करते हुए प्रोन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जाये और नियमित किया जाये. एनएचएम अन्तर्गत सभी एएनएम, जीएनएम, पारा चिकित्सा अनुबंध कर्मी को 7वें वेतन आयोग के आलोक में 15 प्रतिशत मानदेय बढ़ोतरी डीएमएफटी को अनुबंध करो, 2211 शीर्ष के कर्मचारियों का बकाया वेतन सहित समय से वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाये. सभी कर्मचारियों का ईपीएफ खाता अपडेट किया जाये. योगा शिक्षक को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाये. कोविड काल के दौरान सहिया, सहिया साथी, एसटीटी, बीटीटी द्वारा किये गए कार्य के बदले प्रोत्साहन राशि भुगतान किया जाये. कोविङ-19 से मृत सहिया सहित सभी स्वास्थ्य कर्मियों को मुआवजा राशि भुगतान की जाये और आश्रित को सरकारी सेवा में लिया जाये.
-रिम्स रांची के कर्मियों को ओपीएस (पुरानी भविष्य निधि योजना) में शामिल किया जाये. रिम्स रांची के कर्मियों के लिए निर्गत नियमावली में सुधार करते हुए एम्स नई दिल्ली के कर्मियों के समान नियमावली, सुविधा एवं भत्ता लागू की जाये.
-आगंनबाड़ी सेविका सहायिका के लिए निर्गत नियमावली में त्रुटि सुधार किया जाये, केन्द्रांश की राशि में बढोत्तरी करते हुए बकाया सहित नियमित भुगतान किया जाये. आंगनबाड़ी सेविका को तृतीय वर्ग व सहायिका को चतुर्थ वर्ग कर्मचारी घोषित करते हुए समस्त सुविधा के साथ वेतनमान सुनिश्चित किया जाये. सेवा निवृति के पश्चात वेतन/मानदेय का पचास प्रतिशत पेंशन स्वीकृत किया जाये, गेच्यूटी, ईपीएफ, महंगाई भत्ता और यात्रा भत्ता स्वीकृत किया जाये, महिला पर्यवेक्षिका के पद पर प्रोन्नति देते हुए नर्सरी स्कूल नामित किया जाये. समाज कल्याण विभाग अन्तर्गत सांख्यिकी सहायक व महिला पर्यवेक्षिका सहित सभी संविदा कर्मियों की सेवा नियमित की जाये और 60 वर्ष उम्र सीमा तक सेवा की गारंटी दी जाये. नियमावली बनायी जाये. छटनीग्रस्त पोषण सखी को सेवा में वापस लेते हुए संविदा कर्मचारी घोषित की जाये.
-जल सहिया का मानदेय वापसी आदेश रद्द कर न्यूनतम मजदूरी के आधार पर मानदेय निर्धारित करते हुए संविदा या अनुबंध कर्मी घोषित की जाये और सामाजिक सुरक्षा के तहत महंगाई भत्ता, बीमा, भविष्य निधि व पेंशन की सुविधा दी जाये. पशुपालन विभाग अंतर्गत एआई वर्कर को न्यूनतम मजदूरी स्वीकृत करते हुए संविदा कर्मचारी घोषित की जाये. सामाजिक सुरक्षा के तहत मंहगाई भत्ता, बीमा, भविष्य निधि लागू की जाये. पशुपालन विभाग में कनीय लिपिकों का स्थानान्तरण जिला से बाहर नहीं किया जाये, चूंकि जिला स्तरीय कैडर है.
-सचिवालय सहायकों के समान मुफ्फसिल लिपिकों को प्रोन्नति और अन्य सुविधा देते हुए निम्नवर्गीय लिपिक, उच्चवर्गीय लिपिक को मर्ज कर मुफ्फसिल के सभी कार्यालयों में सचिवालय के सामान शनिवारीय अवकाश लागू की जाये.
-सभी राज्य कर्मियों की सेवा निवृति की उम्र सीमा 65 वर्ष की जाये. जनवरी 2020 से जून 2021 तक का बकाया महंगाई भत्ता का भुगतान किया जाये. उप समाहर्ता सीमित प्रतियोगिता परीक्षा में ग्रेड पे की बाध्यता समाप्त करते हुए नियमित परीक्षा ली जाये. सभी कम्प्यूटर ऑपरेटर को नियमित करते हुए तत्काल मानदेय में समानता लायी जाये.
-नगर निगम व निकाय में अनुबंध/संविदा/आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मियों और मजदूरों को नियमित किया जाये. मनरेगा कर्मियों के लिए विभागीय नियमावली अद्यतन करते हुए रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाये और बीमा, ईपीएफ, आयुष्मान योजना में शामिल किया जाये. वन विभाग, उत्पाद विभाग सहित अन्य विभागों में रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति की जाये और गृहरक्षकों को आरक्षी के रिक्त कुल पदों का 50% पदों पर नियुक्त किया जाये. उत्पाद सिपाही का ग्रेड पे 2000 किया जाये, उच्च न्यायालय के आदेश को लागू किया जाये. कार्य विभागों में मास्टर रौल, कार्य भारित एवं एच०आर० कर्मियों को नियमित किया जाये तथा लेखा लिपिक का स्वीकृत नियमावली के आलोक में प्रोन्नति दी जाये.
-झारखंड में आउट सोर्स कम्पनियों की मनमानी पर रोक लगाई जाये और सभी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को अनुबंध कर्मचारी घोषित करते हुए विभागीय स्तर से मानदेय का भुगतान किया जाये. राजभाषा विभागीय कर्मियों को समाहरणालय संवर्ग में समाहित करते हुए जिला संवर्ग घोषित की जाए और लंबित प्रोन्नति दिया जाये.
-कार्यरत अवैतनिक चौकीदार को नियमित करते हुए पूर्ण सरकारी कर्मचारी घोषित की जाए और नियमावली बनाई जाये.
-संघ-महासंघ के पदधारकों के स्थानांतरण पर पूरी तरह से सरकारी नियमानुसार रोक लगाई जाये. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के कर्मियों को मासिक मानदेय में बढ़ोत्तरी करते हुए अद्यतन मंहगाई भत्ता भुगतान किया जाये और विभागीय रिक्त सरकारी पदों पर नियमित किया जाये.
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