महापौर अरुणा शंकर ने शहरी जलापूर्ति योजना पर उठाये सवाल. कहा-
– मैंने अपने कार्यकाल में जलापूर्ति योजना तैयार कराई
– सरकार मुख्यालय में मूलभूत समस्या देने में असफल
Medininagar : प्रमंडल के मंत्री मिथलेश ठाकुर से प्रथम महापौर अरुणा शंकर ने शहर की मूलभूत समस्या शहरी जलापूर्ति योजना पर सवाल किये हैं. उन्होंने कहा कि प्रमंडल मुख्यालय में मुख्यमंत्री के साथ कई मंत्री महीने में दो-दो बार आकर शहर एवं गांव के विकास के लिए कैंप लगा रहे हैं. लेकिन, मुझे आश्चर्य हो रहा कि जो सरकार प्रमंडलीय मुख्यालय में मूलभूत समस्या नहीं दे पा रही है. वह भी तब जब पेयजल मंत्री हमारे प्रमंडल से हैं. वैसे लोग विकास की बात कैसे करते हैं. मैंने अपने निगम कार्यकाल में शहरी जलापूर्ति योजना तैयार करायी.
सिर्फ टेंडर पर टेंडर… लेकिन, नल से जल नहीं
अरुणा शंकर ने कहा कि मैंने रघुवर सरकार से शहरी जलापूर्ति योजना का अनुमोदन कराया और सांसद बीडी राम के सहयोग से एशियन डेवलपमेंट बैंक से योजना का 80% फंड झारखंड सरकार को दिलवाया. आपकी सरकार को 4 साल बीतने को है और सिर्फ टेंडर पर टेंडर… टेंडर पर टेंडर हो रहा है. लेकिन, नल से जल नहीं आ रहा. माननीय मंत्री जी हमारे प्रमंडल में प्रतिदिन पानी का लेयर नीचे जा रहा है. किसान खेती छोड़ दूसरे राज्य को पलायन कर रहे हैं. अपनी जमीन होते हुए भी निकटवर्ती राज्यों में अधबटया में जमीन लेकर कार्य करने को मजबूर है. इसका एकमात्र कारण प्रमंडल में एक भी बृहद जलापूर्ति योजना का अब तक पूरे प्रमंडल में ना हो पाना होना है.
नल से जल अति आवश्यक है
अरुणा शंकर ने कहा कि हम सबों ने कई बार मेदिनीनगर शहर के गिरते वाटर लेवल को बनाये रखने के लिए शहर के बाहर कोयल नदी को बांधने का भी प्रस्ताव निगम से पारित कर दिया, जिससे हर घर में पानी का लेयर आ सके. पर वह भी अनसुनी कर दी गयी. कहा कि हमारे शहर के लिए नल से जल अति आवश्यक है और यह योजना केंद्र एवं राज्य की प्राथमिकता में भी है. मैं माननीय मंत्री महोदय से अनुरोध करती हूं कि कृपया मेदिनीनगर शहरी जलापूर्ति योजना का कार्य यथाशीघ्र कराये.
जलापूर्ति योजना पर मंत्री जी का विशेष फोकस हैः अभिषेक सिंह
झामुमो के युवा नेता सह व्यवसायी अभिषेक कुमार सिंह ने कहा कि मेदिनीनगर नगर निगम के प्रत्येक परिवार को नल के माध्यम से मानक मात्रा में जल सुलभ कराने के लिए झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर प्रयासरत हैं. पूर्ववर्ती सरकार में मेदिनीनगर शहरी जलापूर्ति योजना फेज-2 को इतना पेचिदा बना दिया गया था, कि योजना को पटरी पर लाने में वर्तमान सरकार को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी. मेदिनीनगर जलापूर्ति योजना पर मंत्री का विशेष फोकस है. फिलहाल मामला जुडको के पास है और निष्पादन की प्रक्रिया चल रही है.
दूसरे पर दोषारोपण कर रही हैं मेयर
पूर्व मेयर अपने कार्यकाल की असफलता को छिपाने के लिए लगातार दूसरे पर दोषारोपण कर रही हैं. पूरे कार्यकाल में जनहित का उन्होंने कोई ख्याल नहीं रखा, अब समर्थन हासिल करने के लिए जनता की समस्या दूर नहीं कर पाने के लिए दोषारोपण करने में जुटी है. जनहित के विषयों पर काम अगर सरकार रोक रही थी, तब उन्हें अपने कार्यकाल में आंदोलन करना चाहिए था. जनता को भ्रम में डालने से कोई फायदा मिलने वाला नहीं है. मेयर के पास बड़ी शक्ति होती है, जनता के कार्याे को उन्हें समय पर पूरा करना चाहिए था. इसमें वह असफल रही हैं, इसे ईमानदारी से स्वीकार करना चाहिए.