बेंगाबाद में 12 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित पानी टंकी बनी शोभा की वस्तु
Bengabad (Giridih : बेंगाबाद प्रखंड के मोतिलेदा में 12 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित पानी टंकी शोभा की वस्तू बन कर रह गई है. इस टंकी से पिछले करीब एक साल से जलापूर्ति ठप है. ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. अपनी इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार आवाज उठाई, लेकिन अधिकारियों ने अनसुनी कर दी. विभागीय उदासीनता और संवेदक की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. स्थानीय ग्रामीण दिनेश वर्मा, रीतलाल वर्मा, नरेश राय, लक्ष्मण तुरी, दीपन शर्मा, रंजीत पंडित आदि ने मंगलवार को गिरिडीह के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा को आवेदन देकर जलापूर्ति जल्द शुरू कराने का आग्रह किया है. डीसी ने बेंगाबाद बीडीओ को आवेदन अग्रसारित करते हुए समस्या का समाधान जल्द करने का निर्देश दिया है.
पंचायत समिति की बैठक में भी उठा मामला, नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीण दिनेश वर्मा ने बताया कि पेयजलापूर्ति योजना शुरू होने के बाद कुछ दिनों तक पंचायत की बड़ी आबादी को पीने का पानी नियमित मिला. लेकिन पिछले करीब एक साल से टंकी से जलापूर्ति बंद है. जलापूर्ति बहाल कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों को कई बार आंदोलन का भी सहारा लेना पड़ा. पंचायत के पंसस प्रतिनिधि रीतलाल वर्मा ने कहा कि वह कई बार इस मामले को पंचायत समिति की बैठक में उठा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. स्थानीय ग्रामीण इंद्रलाल वर्मा ने कहा कि जलापूर्ति शुरू होने के समय से ही क्षेत्र के कुछ गांवों को पानी नहीं मिल रहा था.पेयजलापूर्ति बाधित रहने से पंचायत के सभी गांवों के अलावा कर्णपुरा पंचायत के बिजलीबथान के लोग भी प्रभावित हैं. लोगों ने बताया कि संवेदक टर्म पूरा होने की बात कहकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
मुखिया व समिति ने नहीं लिया संचालन का जिम्मा
इस संबंध में पूछे जाने पर पेयजल विभाग के जेई मणिकांत ने बताया कि 2 साल का टर्म पूरा होने तक संवेदक ने योजना का संचालन किया. इसके दो साल बाद भी पानी टंकी की मेंटेनेंस समेत अन्य जरूरी काम किए गए. इसके बाद ग्राम जल स्वच्छता समिति को योजना के संचालन का जिम्मा दिया जाने लगा. लेकिन स्थानीय मुखिया व समिति ने जिम्मा नहीं लिया. विभागीय स्तर पर भी कई बार मुखिया व समिति से बात कर उन्हें संचालन के लिए बोला गया, मगर इस दिशा में किसी ने पहल नहीं की.
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