Ranchi : झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का गठन वर्ष 2008 में किया गया था. ऐसा माना गया है कि इस पिछड़े राज्य में आयोग के द्वारा प्रतिवर्ष लाखों बेरोजगारों को नौकरी मिलेगा. गठन के बाद वर्ष 2011 में आयोग के अधिनियम में संशोधन किया गया. लेकिन ऐसा लगता है राज्यवासियों के लिए कर्मचारी चयन आयोग अभी तक सफेद हाथी ही साबित हुआ है. आयोग के द्वारा तृतीय और चतुर्थ श्रेँणी में नियुक्तियों का होना तय हुआ था. जहां रोजगार के अवसर सबसे ज्यादा माना जाता है. लेकिन आयोग एक ही नियुक्ति में कई साल तक उलझा रहा. लगभग सभी वैकेंसी विवादों में रही. यहां तक जब जेएसएससी को राज्य के बीएड कॉलेजों मे नामांकन की जिम्मेवारी दी गई तब वह इसे भी सफलतापूर्वक नहीं कर पाई.
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पंचायत सचिव सह लिपिक 3088 पद
पंचायत सचिव सह लिपिक के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया साल 2017 में ही शुरू की गई. चार साल बाद भी नियुक्ति पूरी नहीं की जा सकी है. अंतिम मेधा सूची के इंतजार में 5000 पंचायत सचिव अभ्यर्थी सरकार, कोर्ट, कानून के चक्कर मे पीस रहे है. अभ्यर्थी धरना-प्रदर्शन, अनशन से देश के राष्ट्रपति तक को पत्र लिखकर फरियाद कर चुके है.
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उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा : 518 पद
उत्पाद सिपाही के पदों के लिए 26 दिसंबर 2018 से 9 फरवरी 2019 तक आवेदन मंगाए गए थे, परीक्षा 4 अगस्त 2019 को ली गई थी, लेकिन अभी तक रिजल्ट का कोई अता पता नहीं है.
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विशेष सेवा आरक्षी परीक्षा 1012 पद
विशेष सेवा आरक्षी परीक्षा के पदों के लिए 35000 लोगों ने परीक्षा दिया था. परीक्षा 1 सितंबर 2019 को 72 सेंटरों पर आयोजित की गई थी. परीक्षार्थी अभी भी रिजल्ट का इंतजार कर रहे है.
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संयुक्त प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता
साल 2017 में राज्य में शिक्षकों की कमी को ध्यान मे रखते हुए शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की गई, 4 साल के अंदर नियुक्तियां भी हुई. लेकिन इतिहास/ नागरिकशास्त्र के चयनित शिक्षकों की नियुक्ति रोक दी गई. नियुक्तियों के लिए अभ्यर्थी अदालत भी गए. लेकिन अभी तक मामला फंसा हुआ है. अधिकांश अभ्यर्थियों की उम्र सीमा भी समाप्त होने को है. जिससे वे अन्य नौकरियों के लिए भी योग्य नहीं रह गए है.
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2020- 22 सत्र का बीएड काउंसलिंग
JSSC को राज्य के 136 सरकारी और निजी बीएड कॉलेजों में नामांकन की जिम्मेवारी दी गई. लेकिन पांच महीने और चार राउंड काउंसलिंग के बाद भी लगभग 25 प्रतिशत सीट खाली है. जबकि 2021- 23 के नामांकन का समय भी आ चुका है. काउंसलिंग के पेचीदा नियमों के कारण कई छात्रों ने दुसरे राज्यों के कॉलेजों में नामांकन करा लिया या कई छात्रों का सत्र बर्बाद चला गया.
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Jharkhand ko Bihar me phir se Mila Dena chahiye,,.. becoz koi vi leader jharkhand me sahi nhi h,,, chahe koi v party ka ho,, svi leader pheku h.. aage pta nhi Kya hoga ,.. is sarkar se bhut umiit thi ,, but hmne glti ki h.. to ab pta nhi hamara Kya hoga…cm apne me hi mst h.. student ka chaye kuch v ho… Cm ko chair mil gya ..bs
Jharkhand police 2nd list ka v likh dete sir…. Sbse bda dharna jharkhand police candidates ka he tha… 4/2015 ka. Prospectus mai clear likha tha 2nd list diya jayega… 7000 mai 3000 seat khali rh gya hain