-ब्लड प्रेशर की कराएं नियमित जांच
-रूम टेंपरेचर से बाहर निकलने से पहले बरतें सावधानी
Sourav Shukla
Ranchi: बदलते मौसम और लुढ़कते पारे के बीच अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ गयी है. इनमें अधिकतर लोगों में सर्दी, खांसी, बुखार व स्ट्रोक के बाद अस्पताल पहुंच रहे हैं. बता दें कि ठंड में लोगों के ब्लड प्रेशर का बढ़ना हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का बड़ा कारण है. रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गयी है. आलम ऐसा कि नेत्र विभाग के कॉरिडोर तक मरीजों का इलाज फर्श पर किया जा रहा है. रिम्स में हर दिन 12 से 15 मरीज ब्रेन के गंभीर स्ट्रोक की समस्या के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं. चिकित्सकों के अनुसार, गर्मियों की तुलना में ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में करीब 40 से 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. न्यूरो के वार्ड और कॉरीडोर को मिलाकर दो सौ के करीब मरीज भर्ती हैं.
ब्रेन स्ट्रोक का पहला घंटा गोल्डन आवर
न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ सीबी सहाय ने बताया कि सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक के मामले नसों के सिकुड़ने के कारण बढ़ जाते हैं. मरीजों में अधिकतर की उम्र 50 से अधिक है. डॉ सहाय के अनुसार, जैसे-जैसे पारा गिरता है, शरीर के अंगों की प्रक्रिया भी धीमी होने लगती है, नसें सिकुड़ने लगती हैं. इस कारण दिमाग में रक्तप्रवाह मंद हो जाता है. ब्रेन स्ट्रोक होने पर पहला घंटा ही गोल्डन आवर माना जाता है. अगर, मरीज शरीर के अंग को टेढ़ा कर रहा है, उसके देखने, सुनने व समझने की क्षमता प्रभावित हो गयी हो तो फौरन डॉक्टर के पास ले जाएं. इसके अलावा अस्थमा और हृदय रोग विभाग में भी बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं.
डॉक्टर से दवा के डोज की जांच कराएं
डॉ सीबी सहाय ने बताया कि तेजी से लुढ़कते पारे से शरीर के आंतरिक क्रियाएं भी प्रभावित होती है. नसों में संकुचन से रक्तचाप अनियंत्रित हो जाता है. ऐसे में रक्तचाप की दवा का डोज बढ़ जाता है. इसको चिकित्सक की सलाह पर ही लेनी चाहिए. इसके अलावा सर्दी के मौसम में मटर और मूंगफली का सेवन करते हैं. यह हाई कैलोरी डाइट है. इससे डायबिटीज के मरीजों में शुगर लेवल अनियंत्रित हो जाता है. ऐसे मरीजों का भी अपने दवा के डोज को रेग्यूलराइज जरूर कराना चाहिए. मानसिक रोग के मरीजों को भी ठंड में दवा का डोज रेग्यूलराइज कराना चाहिए.
बीपी की जांच जरूरीः डॉ गोविंद माधव
डॉ गोविंद ने कहा कि ठंड के बढ़ते ही हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह से किसी भी व्यक्ति को लकवा मारने का खतरा रहता है. कई मामलों में व्यक्ति रात को सोते हैं और सुबह में लकवा ग्रस्त हो जाते हैं. ऐसे में ब्लड प्रेशर के मरीजों को सलाह दी है कि वह अक्सर अपना बीपी जांच करवाते रहे हैं. सुबह में रूम टेंपरेचर से बाहर अचानक न निकले यह स्ट्रोक का एक बड़ा कारण है.
रिम्स ओपीडी में पहुंचे 1588 मरीज सबसे ज्यादा मेडिसिन विभाग में
रिम्स के आधिकारिक आंकड़े के अनुसार शुक्रवार को कुल 1588 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे. इनमें 1122 नए मरीज, जबकि 466 मरीज दोबारा चिकित्सक से परामर्श के लिए पहुंचे. इनमें सबसे ज्यादा मेडिसिन विभाग में 258 मरीज पहुंचे. 173 नए मरीज, जबकि 85 मरीज दोबारा परामर्श के लिए पहुंचे थे. आधे मरीजों में सर्दी, खांसी व बुखार से पीड़ित थे. वहीं न्यूरोसर्जरी विभाग में शुक्रवार को 12 मरीज भर्ती हुए. इनमें 10 वयस्क और दो बच्चे शामिल हैं.