Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर के बाराद्वारी, पीपल्स ऐकेडमी स्थित मास्टर सोबरन मांझी जिला पुस्तकालय में शुक्रवार को कवि गोष्ठी हुई. इसकी अध्यक्षता अशोक शुभदर्शी की ने की. मंच पुस्तकालय के पदाधिकारी सूर्य प्रताप सिंह,आजीवन सदस्य वीरेन्द्र प्रसाद सिंह, मुख्य अतिथि शिक्षाविद डॉ त्रिपुरा झा व अन्य उपस्थित थे. अपने सम्बोधन में एसपी सिंह ने पुस्तकालय भवन में बढती पाठकों एवं पुस्तकों की संख्या पर हर्ष जताया. उन्होंने पुष्प माला से सभी का स्वागत किया. कवि सम्मेलन की शुरुआत माधुरी मिश्रा ने माता शबरी से जुड़े एक वन्दना गीत के साथ की. इससे वातावरण भक्तिमय हो गया. रंगकर्मी अनीता सिंह ने ‘शब्द बोलते हैं कागज के सफेद पन्ने पर स्याह रात का दर्द बनकर…’ कविता पढ़ी.
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राजदेव सिन्हा ने ‘वह संज्ञा था मुखर, सजग हुआ सर्वनाम होकर, ओढ ली गरिमा विशेषण बना…’ कविता पढ़ी. शिक्षाविद डॉ त्रिपुरा झा ने मैथिली गीत ‘पिया मोर बालक मैं तरुणी…’ गीत प्रस्तुत किया. सुनीता वेदी ने स्त्री विमर्श की कविता ‘चूना पुट्टी मारकर तूने खुद को छुपा तो लिया पर दर्द नमी बनकर, सीलन बनकर उभरा…’, अशोक शुभदर्शी ने ‘पाने के लिए यहां सिर्फ चेतना है और खोने के लिए भी चेतना ही है…’, उदय हयात ने ‘रूठना तो हक है पर टूटना नहीं अच्छा, कट के अलग होने का फलसफा नहीं अच्छा..’ कविता का पाठ किया. गोष्ठी का संचालन डॉ उदय हयात ने किया तथा पुस्तकालयाध्यक्ष कौशिक दत्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस अवसर पर उन्होंने कवीन्द्र रवीन्द्र की एक बांग्ला कविता का पाठ किया.