Ranchi : झारखंड में पहली बार गिर गाय का फॉर्म विकसित करने की योजना पर कार्य हो रहा है. इसके लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) सहयोग भी कर रहा है. हालांकि फिलहाल राज्य में गिर गाय का एक भी विशेष फॉर्म नहीं है. लेकिन गिर गाय के दूध और दुग्ध उत्पादों की मांग बढ़ रही है, क्योंकि गिर गाय का दूध पौष्टिक होता है. इसे ही ध्यान में रखकर पेशे से दंत चिकित्सक डॉ. मीनाक्षी सिंह ने एक नयी पहल की है. रांची के बुढ़मू में अपना खुद का गिर गाय का डेयरी फॉर्म विकसित किया है.
इनके डेयरी फॉर्म का नाम नंदिनी है. बाजार में भी नंदिनी ब्रांड नाम से ही गिर गाय का बोतल बंद दूध, पेड़ा, घी ग्राहकों को पहुंचाया जा रहा है. डेयरी में अभी 30 से ज्यादा गिर नस्ल की गायें है. इन गायों के चारे, पानी और दूध संवर्धन से जुड़े सभी भोज्य पदार्थ इनके फॉर्म में ही उगाये जाते हैं. गिर गायों को खाने के लिए दिया जाने वाला सभी भोज्य पदार्थ ऑर्गेनिक तरीके से इसी फॉर्म में उगाये जाते हैं.
दूध में हो रही मिलावट को देखते हुए लिया फॉर्म खोलने का फैसला
डॉ. मीनाक्षी ने अपने फॉर्म के बारे में बताया कि, नंदिनी फॉर्म में केवल गिर नस्ल की ही गायें हैं. यह अपने आप में अनूठा प्रयोग भी है, क्योंकि इस फॉर्म में गायों को दिया जाने वाला चारा और अन्य भोजन सब इसी फॉर्म में उगाया जाता है. सभी चीजें ऑर्गेनिक तरीके से उपजायी जाती है. साफ-सफाई और केमिकल युक्त कोई भी अनाज इन गायों को नहीं दिया जाता है. फॉर्म की सभी गायें गुजरात से लायी गयी है. सभी गायों का वैक्सिनेशन और नियमित जांच की जाती है. वर्तमान में नंदिनी डेयरी से 300 लीटर दूध का उत्पादन होता है. डॉ. मीनाक्षी ने बताया, हमारे उत्पाद नंदिनी पेड़े और नंदिनी घी की भी डिमांड काफी है.
डॉक्टरी पेशे में होते हुए दूध उत्पादन में जुड़ने के सवाल पर डॉ. मीनाक्षी सिंह का कहना था, यह केवल बिजनेस करने या पैसे कमाने के उद्देश्य से शुरू किया गया काम नहीं है. बल्कि नंदिनी डेयरी स्थापित करने का आईडिया शुद्धता और खास कर दूध उत्पादन में मिलावट को देखते हुए लिया गया फैसला था. ताकि लोगों तक पौष्टिक दूध पहुंचाया जा सके.
इससे आगे डॉ. मिनाक्षी ने बताया कि, डॉक्टरी पेशे में होने की वजह से मैं और मेरे पति ने अपने हॉस्पिटल में आने वाले पेसेंट को देखकर यह अनुभव किया कि सही और शुद्ध भोजन का नहीं मिलना कई बीमारियों का प्रमुख कारण है. क्योंकि मिलावटी और केमिकल युक्त भोजन सभी को बड़ी बीमारियों का शिकार बना रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके
पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा फॉर्म
डॉ. मीनाक्षी नंदिनी डेयरी फॉर्म को एक आध्यात्मिक और पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है. जिसका फायदा भविष्य में यहां आनेवाले बच्चे, बड़े व बुजुर्गों को होगा. उन्हें अध्यात्म, पर्यावरण और सामाजिक मूल्यों की जानकारी मिल सकेगी. इससे आगे उन्होंने बताया कि फॉर्म में अलग-अलग प्रजाति के पेड़, पौधे, कृषि कार्य, मछली पालन, प्रशिक्षण भवन और एक मंदिर भी स्थापित किया गया है. जिससे ये फॉर्म बाकी जगहों से इसे अलग है.
यहां बता दें कि ऑर्थो डेंटिस्ट डॉ. मीनाक्षी का मीनाक्षी नेत्रालय नाम से अपना अस्पताल भी है. पति डॉ. अभिषेक कुमार सिंह नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं. पति डॉ. अभिषेक अध्यात्म और राजनीति में रूचि रखते हैं. जबकि डॉ. मीनाक्षी अध्यात्म के साथ स्टार्टअप्स और स्वस्थ जीवन शैली के साधनों में गहरी रूचि रखती हैं.
[wpse_comments_template]