महेंद्र सिंह, रमेश मुंडा और सुनील महतो की नक्सलियों ने कर दी थी हत्या
Ranchi : झारखंड के तीन बड़े राजनेता के हत्या हुए डेढ़ दशक से ज्यादा समय बीत गये. लेकिन अब तक इन हत्या आरोपियों को सजा नहीं मिल पायी है. इन राजनेताओं में तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा, जमशेदपुर के तत्कालीन सांसद सुनील महतो और बगोदर के तत्कालीन विधायक महेंद्र सिंह शामिल हैं. इन सभी राजनेताओं की हत्या नक्सलियों ने की थी. तीनों हत्या मामलों की जांच सीबीआई, एनआईए जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां कर रही हैं.
महेंद्र सिंह हत्याकांड की सीबीआई कर रही जांच
गौरतलब है कि बगोदर के तत्कालीन विधायक महेंद्र सिंह की 16 जनवरी 2005 को नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. जब वो चुनावी दौरे के क्रम में सरिया थाना क्षेत्र के दुर्गी धवैया से लौट रहे थे. 27 फरवरी 2005 को इस हत्याकांड की जांच सीबीआई लखनऊ क्राइम ब्रांच ने शुरू की. सीबीआई ने 22 दिसंबर 2009 को पहली चार्जशीट दायर की. 16 दिन बाद यानी सात जनवरी 2010 को सीबीआई टीम ने इस मामले में दूसरी चार्जशीट दायर की. 19 सितंबर 2011 को इस मामले में सीबीआई के विशेष कोर्ट में आरोप गठन हुआ. इसके बाद ट्रायल शुरू हुआ. अभी गवाही की प्रक्रिया चल रही है.
सांसद सुनील महतो हत्या मामले में भी सीबीआई जांच अधूरी
जमशेदपुर के पूर्व सांसद सुनील महतो को 4 मार्च 2007 की शाम (होली के दिन) नक्सलियों ने घाटशिला के बाघुड़िया गांव में गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के 15 साल बाद भी सीबीआई जांच पूरी नहीं हो पायी है. हत्या का सूत्रधार कौन है, सीबीआई अब तक उस तक नहीं पहुंच पायी है. हत्या के पीछे राजनीतिक साजिश थी या नक्सलियों को सुपारी किलर की तरह उपयोग किया गया, इन सभी बिंदुओं की जांच सीबीआई कर चुकी है. कुछ लोगों से कई राउंड की पूछताछ भी हो चुकी है, लेकिन नतीजा कुछ सामने नहीं आया. गौरतलब है कि इस हत्याकांड में शामिल नक्सली विकास महतो को डुमरिया के भीतर आमदा ग्रामीणों ने जहर खिलाकर मार डाला था. उसके पास से सांसद के बॉडीगार्ड से लूटी गयी इंसास राइफल भी बरामद हुई थी. जबकि हत्या में शामिल नक्सली राहुल उर्फ रंजीत पाल बंगाल पुलिस के समक्ष सरेंडर कर चुका है. लेकिन राहुल उर्फ रंजीत पाल को सीबीआई ने पूछताछ के लिए रिमांड पर नहीं लिया.
रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की एनआईए कर रही जांच
बुंडू के एसएस हाई स्कूल में नौ जुलाई 2008 को एक समारोह के दौरान तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा सहित चार लोगों की हत्या कर दी गयी थी. इसके बाद रांची पुलिस ने कुछ दिनों तक पूरे मामलों की जांच की. बाद में यह मामला सीआईडी को ट्रासंफर कर दिया गया था. इस मामले में सीआईडी के हाथ भी कुछ नहीं लगा. जिसके बाद एनआईए ने 28 जून 2017 को उक्त मामले को टेकओवर कर कांड संख्या 11/2017 दर्ज किया. जिसमें प्राथमिकी दर्ज कर राष्ट्रीय जांच एजेंसी पूरे मामले की पड़ताल कर रही है. इस मामले में एनआईए तीन अप्रैल 2018 को पूर्व मंत्री राजा पीटर, कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन व विधायक के अंगरक्षक शेष नाथ खरवार सहित 15 अभियुक्तों पर चार्जशीट दाखिल की थी. प्रधान न्यायायुक्त सह एनआईए के विशेष न्यायाधीश नवनीत कुमार की अदालत में दाखिल आरोप पत्र में एनआईए ने राजा पीटर को इस कांड का मुख्य साजिशकर्ता बताया था. इस मामले में एनआईए किसी भी आरोपियों को सजा नहीं दिला पायी है.