Kiriburu (Shailesh Singh) : दिल्ली में 20 जनवरी को आयोजित एनजेसीएस की बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई. केन्द्रीय पांच ट्रेड यूनियनें तथा संयंत्रों में मान्यता प्राप्त यूनियन के प्रतिनिधि, सदस्य के रूप में तथा अधिकतर वैकल्पिक सदस्य भी उपस्थित थे. उक्त बातें खान मजदूर संघ, किरीबुरु (सम्बद्ध बीएमएस) के महामंत्री प्रकाश मोहन्ती ने कहीं. उन्होंने कहा कि बैठक में 39 महीने के एरियर के मुद्दे पर प्रबन्धन ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि एमओयू के आधार पर वेतनमान और एरियर दिया जा चुका है.
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वेज रिवीजन 01 जनवरी 2017 से लागू होगा, लेकिन 1 अप्रैल 2020 से वास्तविक वेतनमान का भुगतान होगा. एमओयू 21 अक्टूबर 2021 को हस्ताक्षर हुआ. इसमें इंटक, एटक, एचएमएस नें हस्ताक्षर किया, जिसमें किसी भी ढंग का एरियर देने की बात नहीं लिखी गई है. यह कह प्रबंधन ने एरियर देने से मना कर दिया, परन्तु यह बात अवश्य कही कि आप सभी आपस में सहमति बनाकर प्रस्ताव रखिये प्रबंधन उस पर विचार करेगी. जितने भी मुद्दे हैं सभी लंबित मुद्दे पर वार्ता जारी रहेगी.
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सेल प्रबंधन ने बोनस पर भी अपना सुझाव देने को कहा कि फार्मूले में क्या संशोधन करना ,है विचार किया जा सकता है. क्योंकि बोनस का भुगतान फार्मूले के आधार पर ही होगा. इसके बाद बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई. कारण, आपसी सहमति केवल हड़ताल पर जाने के लिए बनाई जा रही थी. भारतीय मजदूर संघ का कहना है कि आम सहमति के आधार पर पहले एमओयू में वेतनमान 1-1-2017 से वास्तविक भुगतान तथा 28 फीसदी पर्क्स पर फिर सब कमिटी में चर्चा कर एमओयू हस्ताक्षर हो.
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इसके बाद चारों यूनियनों ने आगे कि रणनीति के लिए आपस में बैठक की. चारों यूनियन ने बीएमएस से आग्रह किया कि आप भी हमारे साथ स्ट्राइक में शामिल हों, जिस पर भारतीय मजदूर संघ ने स्पष्ट कह दिया कि आपने स्ट्राइक की घोषणा करते समय बीएमएस से सहमति नहीं ली और न ही बीएमएस यूनियन की सहमति से हड़ताल का नोटिस दिया गया है. बीएमएस के पर्क्स में 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी का मुद्दा भी हड़ताल के ज्ञापन में शामिल नहीं किया गया है.
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फिर भी बीएमएस नेता पाण्डेय ने कहा कि सेल के कर्मचारियों के हित में यदि स्ट्राइक करना है तो भारतीय मजदूर संघ केन्द्रीय नेतृत्व को साथ में लेकर एजेन्डा और हड़ताल की तिथि तय की जाये तभी भामसं का नैतिक समर्थन मज़दूरों के पक्ष में होगा. किसी के थोपे हुए एजेंडे और तय तिथि पर भारतीय मजदूर संघ का शामिल होना या समर्थन नहीं रहने वाला है. ठेका मजदूरों के लिए भी प्रबन्धन एडब्लूए देने को तैयार है. आप सभी तय तो करें कि उचित कितना बढ़ा दिया जाना चाहिए. प्रबन्धन 28 या 29 को अगली बैठक करने को भी तैयार है पर किसी ने स्वीकृति नहीं दी क्योंकि हड़ताल जो करनी है.
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यह हड़ताल शायद कर्मचारी हित से परे राजनीतिक है. इसीलिए भारतीय मजदूर संघ को प्रतिशोधात्मक मानकर सच्चे मन से हड़ताल में शामिल नहीं किया गया. प्रबन्धन वार्ता करने को तैयार है फिर हड़ताल क्यों? बैठक द्विपक्षीय होती है. जबरन सरकार को घसीटने का प्रयास किया जा रहा है. भारतीय मजदूर संघ को तटस्थ रखकर एमओयू का एप्रुवल यदि सरकार दे सकती है तो बाकी मुद्दे पर बांधा क्यों होगी, पहले मुद्दे तय कर निर्णयात्मक समझौता करने से मंत्रालय का एप्रुवल भी मिल सकता है. पहल तो करें.