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Patna : बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फुल एक्शन में हैं. नीतीश कुमार ने पुरानी समितियों में बदलाव करना शुरू कर दिया है. सीएम ने महागठबंधन सरकार में गठित 38 जिलों की 20 सूत्री समितियों को भंग कर दिया है. साथ ही सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों को भी हटा दिया है. अब नये सिरे से सभी जिलों में प्रभारी मंत्री बनाये जायेंगे. कैबिनेट विभाग ने शुक्रवार को इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी. इस अधिसूचना के बाद किसी भी जिले में कोई प्रभारी मंत्री नहीं है.
महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश ने बनायी थी समिति
बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने 20 सूत्री समिति का गठन करने का फैसला लिया था. इससे बाद 38 जिलों में 20 सूत्री समितियों का गठन किया गया. इससे पहले 10 सालों तक बिहार में 20 सूत्री समितियां नहीं थी. लेकिन एनडीए का हाथ थामने के बाद नीतीश ने 20 सूत्री समिति के अध्यक्ष से लेकर जिलों के प्रभारी मंत्री के मनोनयन से संबंधित मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया. इस फैसले से आरजेडी, कांग्रेस और वामदलों के नेताओं को बड़ा झटका लगा है. क्योंकि समिति में जिला प्रभारी मंत्री को अध्यक्ष और नेताओं को उपाध्यक्ष व सदस्य की जिम्मेदारी दी गयी थी.
28 जनवरी को एनडीए के साथ हाथ मिलाकर नीतीश 9वीं बार सीएम बने
बिहार में 28 जनवरी को सत्ता में बदलाव हुआ था. नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायक दल की बैठक में इस्तीफा देने की घोषणा की. इसके बाद वो सीधे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल राजेंद्र अरलेकर को अपना इस्तीफा सौंपा. राज्यपाल ने नीतीश का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. इसके बाद नीतीश कुमार ने शाम चार बजे 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ 8 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली. हालांकि अब तक इन 8 मंत्रियों को कोई विभाग नहीं सौंपा गया है. नीतीश कुमार 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत हासिल करने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे.
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