Lagatar Desk : सुनील सिंह बिहार के नालंदा जिले के निवासी हैं. 52 साल के सुनील गुजरात के सूरत में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. गांव में इतनी जमीन नहीं थी कि गुजर बसर हो पाती, सो गुजरात चले गये. आज इस प्रवासी मजदूर का बेटा खबरों में है. उसने अपने पिता के साथ पूरे बिहार का नाम रोशन कर दिया है. सुनील कुमार के 22 साल के बेटे राहुल कुमार ने आइआइटी रुड़की में स्वर्ण पदक जीता है.
इसे भी पढ़ें –ओडिशा से दुगुनी है झारखंड में कोरोना की सरकारी जांच दर, फिर भी मनमाना वसूल रहे जांच घर
अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए स्कॉलरशिप
राहुल कुमार ने अमेरिका की यूटा यूनिवर्सिटी में पीएचडी करने के लिए छात्रवृत्ति हासिल की है. संस्थान के वार्षिक दीक्षांत समारोह में राहुल को डॉ शंकर दयाल शर्मा गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. यह समारोह डिजिटल माध्यम से आयोजित किया गया. राहुल ने मेटलर्जी और मेटेरियल्स इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. पढ़ने में तेज होने के अलावा राहुल समाज सेवा के कार्यों में भी गहरी रुचि रखते हैं और इसी कारण से उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), आइआइटी रुड़की का महासचिव बनाया गया.
इसे भी पढ़ें –रांची में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की ‘बत्ती गुल’, पीएम ने की थी घोषणा
टीचर्स भी हैं राहुल के कायल
दीक्षांत समारोह में राहुल के बारे में आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी ने कहा- अपने कुशल नेतृत्व और प्रबंधकीय कौशल के साथ उन्होंने लगभग 1000 छात्रों की टीम को लीड किया और कॉलेज प्रशासन, सरकारी अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय स्थापित किया.” उन्होंने कहा कि इस साल का दीक्षांत समारोह बहुत खास है. हमारे छात्र रहे अशोक सुता आज के मुख्य अतिथि हैं. दूसरा विशेष कारण यह कि इस दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता हमारे बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी कर रहे हैं. वे भारतीय उद्योग के एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो देश में उच्च शिक्षा के मार्गदर्शन के लिए समय दे रहे हैं.
इसे भी पढ़ें –जानें, झारखंड को केंद्र सरकार क्यों दे रहा है 3454 करोड़ रुपए का कर्ज