Dhanbad : पति बेहद शराब पीता था जो पत्नी को नागवार गुजरा, फिर क्या था उसने अपने ही पति की हत्या की साजिश रची. सहयोगियों के साथ मिलकर कर्मा पर्व के दिन पहले पति को दारू पिलायी, फिर तलवार से काटकर उसकी निर्मम हत्या कर दी. लाश का पता ना चले, इसलिए दो अलग-अलग कुएं में लाश के टुकड़ों को फेंक दिया. परंतु वह कानून की नजरों से नहीं बच सकी. धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत ने दलदली राजगंज निवासी मालती देवी को हत्या के इस सनसनीखेज मामले में दोषी करार दिया है. अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख निर्धारित की है.
मोबाइल फोन ने कर दी चुगली
मालती देवी ने अपने पति चंद्रकांत टुडू की हत्या 25 अगस्त 20 को तलवार से छह टुकड़ों में काट कर की थी. हत्या से पहले मालती ने चंद्रकांत को खूब दारू पिलाई. उसके बाद कमरे में उसे बंद कर पहले तलवार से उसका सर काट दिया फिर पैर काटा, पैर को जांघ से काटकर अलग कर दिया, फिर जांघ से कमर को काट कर अलग कर दिया. उस दिन कर्मा पर्व था. हत्या के बाद रात बारह बजे पति के सर को प्लास्टिक में डालकर स्कूटी में रखा धर एवं पैर को टोकरी में रखकर अलग-अलग दो कुएं में फेंक दिया. तलवार को एक अन्य कुएं में फेंक दिया था. रात में ही घर को पानी से धोकर साफ कर दिया, ताकि हत्या का खुलासा ना हो सके. दूसरे दिन स्कूटी में रखे पति के सर को तिलाटांड़ पहाड़ी तेतुलमारी की झाड़ी में ले जाकर फेंक दिया और अपने पति के गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज करा दी. परंतु नियति ने उसका साथ नहीं दिया. मालती के मोबाइल फोन ने उसके कारनामों की चुगली पुलिस से कर दी. 6 सितंबर 2020 को कांड के अनुसंधानकर्ता ने जब मालती देवी के मोबाइल फोन का सीडीआर निकाला तो उसे पता चला कि मालती देवी चंदन चौहान, महेंद्र चौहान और सुभाष कुमार गोप के साथ घटना से पहले और घटना के बाद भी लगातार संपर्क में थी और लगातार बात कर रही थी. जब पुलिस ने इन तीनों को पकड़ा तो तीनों ने हत्या से पर्दा उठा दिया और बताया कि मालती देवी ने ही उसकी हत्या की है. पुलिस को दिए बयान में मालती ने भी अपना दोष स्वीकार किया था. मालती की निशानदेही पर ही पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किए गए तलवार, टोकरी, स्कूटी, मृतक के कपड़े चप्पल को बरामद किया था.
भाई के बयान पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
घटना की प्राथमिकी मृतक चंद्रकांत टुडू के बड़े भाई विनोद टुडू की लिखित शिकायत पर 28 अगस्त 20 को दर्ज की गई थी. राजगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी थाना कांड संख्या 37/20 के मुताबिक विनोद का भाई चंद्रकांत( मृतक) 25 अगस्त 20 को घर से चला गया था, उसके बाद उसका पता नहीं चल रहा था. 28 अगस्त को गांव के लोगों से उसे सूचना मिली की दलदली बढ़ई टोला धान खेत के कुआं में एक कटा हुआ शव पड़ा है. जब वह गया तो देखा कि वह शव उसके भाई का ही था, जिसे कई टुकड़ों में काटकर फेंक दिया गया था. अनुसंधान के बाद पुलिस ने 30 नवंबर 20 को मालती देवी के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था. आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी. इस दौरान अभियोजन ने कुल 12 गवाहों का परीक्षण कराया था.
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